राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी अपने सम्बोधन में “इस्लामी आतंकवाद”से लड़ने का अपना दृढ़ निश्चय दोहराया।
अमेरिका के टेक्सास राज्य की ऊर्जा नगरी ह्युस्टन में आयोजित “हाउडी,मोदी” कार्यक्रम में 50 हजार से अधिक प्रवासी भारतीयों को सम्बोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने बहुत सारे अनुचित और बेकार कानूनों को अलविदा कह दिया है। हाल में ऐसे ही एक प्रावधान को अलविदा कहा गया है। अपनी चिरपरिचित शैली में उन्होंने जनसमुदाय से पूछा , “आप समझ गए।” प्रवासी भारतीयों की हर्षध्वनि और नारे बाजी के बीच उन्होंने कहा, “मैं अनुच्छेद 370 को अलविदा कहने का जिक्र कर रहा हूँ। यह अनुच्छेद राज्य में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था।”
मोदी ने ट्रम्प और अमेरिकी संसद के दोनों सदनों के अनेक सदस्यों की मौजूदगी में कहा कि अनुच्छेद 370 हटा कर सरकार ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दलितों, बच्चों और महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाया है। अब इन लोगों को अन्य देशवासियों की तरह ही अधिकार मिल गए हैं।
पाकिस्तान और वहां के प्रधानमन्त्री इमरान खान का नाम लिये बिना उन्होंने कहा,”जिन लोगों से अपना देश नहीं संभल रहा वह अनुच्छेद 370 हटाए जाने से दिक्कत महसूस कर रहे हैं। इन लोगों ने भारत के खिलाफ नफरत को अपनी राजनीति का आधार बना रखा है। वे जम्मू कश्मीर में अशांति पैदा करना और आतंकवाद फैलाना चाहते हैं।”
मोदी ने पाकिस्तान के नेताओं पर आतंकवाद को पालने-पोसने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज इस हकीकत को पूरी दुनिया पहचानती है। न्यूयॉर्क के ट्विन टावर और मुंबई में हुए आतंकी हमलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सबको पता है कि इन हमलों के साजिशकर्ता किस देश में पनाह लिए हुए थे।
उन्होंने आतंकवाद को शह देने वाले देशों के खिलाफ निर्णायक युद्ध छेड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि भारत का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रम्प भी आतंकवाद के खिलाफ मुहिम चलाने में विश्वास रखते हैं।
उन्होंने जनसमुदाय से आग्रह किया कि वह आतंकवाद से लड़ने का संकल्प रखने वाले ट्रम्प के सम्मान में अपने स्थान पर खड़े होकर उनका अभिवादन करें।