न्यूयॉर्क/नई दिल्ली, 25 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अमेरिका में स्वच्छ भारत अभियान के लिए बिल गेट्स द्वारा ग्लोबल गोलकीपर्स अवॉर्ड से नवाजा गया। स्वच्छता के लिए सम्मान मिलने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सम्मान मेरा नहीं बल्कि उन करोड़ों भारतीयों का है, जिन्होंने स्वच्छ भारत के संकल्प को न केवल सिद्ध किया बल्कि अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ढाला भी है। मोदी को यह पुरस्कार लिंकन सेंटर ऑफ परफार्मिंग आर्ट्स परिसर में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया।
न्यूयॉर्क में आयोजित ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर यह अवार्ड मिलना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से काफी महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है। मोदी ने इस सम्मान को उन भारतीयों को समर्पित किया जिन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को एक जनआंदोलन में बदला। जिन्होंने स्वच्छता को अपनी दैनिक जिंदगी में सर्वोच्च प्राथमिकता देनी शुरू की।
मोदी ने कहा कि हाल-फिलहाल में किसी देश में स्वच्छता को लेकर ऐसा अभियान सुनने और देखने को नहीं मिला। ये अभियान शुरू भले हमारी सरकार ने किया था लेकिन इसकी कमान जनता ने खुद अपने हाथों में ले ली थी। इसी का नतीजा था कि बीते पांच साल में देश में रिकॉर्ड 11 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया जा सका। जनआंदोलन का ही नतीजा है कि 2014 से पहले जहां ग्रामीण स्वच्छता का दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, आज वो बढ़कर करीब-करीब 100 प्रतिशत पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि वो मानते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन की सफलता किसी भी आंकड़े से ऊपर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे लिए यह संतोष की बात है कि स्वच्छ भारत मिशन लाखों जिंदगियों को बचाने का माध्यम बना। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट से स्पष्ट भी है कि स्वच्छ भारत की वजह से तीन लाख जिंदगियों को बचाने की संभावना बनी है। आज मुझे इस बात की भी खुशी है कि महात्मा गांधी ने स्वच्छता का जो सपना देखा था, वो अब साकार होने जा रहा है। गांधी जी कहते थे कि एक आदर्श गांव तभी बन सकता है, जब वो पूरी तरह स्वच्छ हो। आज हम गांव ही नहीं, पूरे देश को स्वच्छता के मामले में आदर्श बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं।
मोदी ने कहा कि लोकतंत्र का सीधा सा अर्थ है कि व्यवस्थाओं और योजनाओं के केंद्र में लोक यानि पिपुल रहने चाहिए। एक सशक्त लोकतंत्र वही होता है जो जनता की जरूरत को केंद्र में रखकर नीतियों का निर्माण करता है।
स्वच्छ भारत मिशन की सफलता, संविधान की एक व्यवस्था को भी जीवंत करने का उदाहरण है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने दशकों तक सिर्फ ‘कॉन्स्टिट्यूशन फेडरेलिज्म’ ही देखा था। हमारी सरकार ने इसे ‘को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म’ में बदलने का प्रयास किया और समय के साथ अब हम ‘कम्पटेटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म’ के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं।
आज मुझे खुशी है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के माध्यम से अब राज्यों में आपस में होड़ लगी है कि कौन राज्य स्वच्छता रैंकिंग में सबसे ऊपर जगह बनाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “दुनिया के लिए भारत के इस योगदान से मुझे इसलिए भी खुशी होती है क्योंकि हमने विश्व को अपना परिवार माना है। हज़ारों वर्षों से हमें ये सिखाया गया है कि ‘उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुम्बकम्‘ यानी बड़ी सोच वालों के लिए, बड़े दिल वालों के लिए पूरी धरती ही एक परिवार है। उन्होंने कहा कि हम अपने ‘एक्सपिरिएंस’ को, अपनी ‘एक्सपरटाइज’ को, दुनिया के दूसरे देशों के साथ शेयर करने के लिए तैयार हैं।“
मोदी ने कहा कि भारत, स्वच्छता को लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब है। इसके अलावा भारत दूसरे बड़े मिशन पर भी तेज़ी से काम कर रहा है। फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए फिटनेस और प्रिवेंटिव हेल्थकेयर को प्रमोट करने का अभियान चल रहा है। जल जीवन मिशन के तहत हमारा फोकस वाटर कंजरवेशन और रिसाइकलिंग पर है, ताकि हर भारतीय को पर्याप्त और साफ पानी मिलता रहे। साथ ही भारत ने साल 2022 तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति का अभियान भी चलाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे अनेक जनआंदोलन आज भारत में चल रहे हैं। मुझे 1.3 बिलियन भारतीयों के सामर्थ्य पर पूरा विश्वास है कि हम स्वच्छ भारत अभियान की तरह बाकी मिशन भी सफल होंगे।