जाने, मोदी सरकार के नये मंत्रियों के बारे में
मोदी सरकार में इस बार 25 केन्द्रीय मंत्रियों और 33 ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली है। मोदी कैबिनेट में इस बार विदेश सचिव रहे एस. जयशंकर, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को जगह मिली है। वहीं सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारणों के चलते खुद को इस बार सरकार से अलग कर लिया है।
नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। मोदी सरकार में इस बार 25 केन्द्रीय मंत्रियों और 33 ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली है। मोदी कैबिनेट में इस बार विदेश सचिव रहे एस. जयशंकर, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को जगह मिली है। वहीं सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारणों के चलते खुद को इस बार सरकार से अलग कर लिया है।
मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्री इस प्रकार हैं।
राजनाथ
राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश की लखनऊ सीट से लोकसभा में पहुंचे हैं। यह सीट पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हुआ करती थी। 2014 में भाजपा की देश में जीत के समय वह भाजपा के अध्यक्ष थे। पहली मोदी सरकार में उन्हें गृहमंत्री बनाया गया। राजनाथ सिंह 2002 से 04 के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। वाजपेयी सरकार में 2003 से 04 के बीच वह कृषि मंत्री रहे। वह तीन बार भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं।
अमित शाह
अमित शाह वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं। वह गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट से बड़े अंतर से जीते हैं। उन्हें कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है, जिसका अर्थ है कि अब उनके स्थान पर किसी अन्य को भाजपा की कमान सौंपी जाएगी। अमित शाह गुजरात से चार बार विधायक रहे हैं। राष्ट्रीय राजनीति में उनका प्रवेश 2013 में हुआ था, जब उन्हें 2014 के आम चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया था। राज्य से भाजपा को 80 में से 71 सीटें मिली थी। इसके बाद अगले साल उन्हें भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी गई। उनके नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में सरकार बनाई। उन्हीं के नेतृत्व में 2019 में भाजपा ने पिछली बार से भी ज्यादा 303 सीटें हासिल कर सत्ता में वापसी की है।
नितिन गडकरी
नितिन गडकरी वर्तमान में सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। वह 2010 से 2013 के बीच भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। वह महाराष्ट्र के नागपुर जीतकर लोकसभा में पहुंचे हैं। उद्योगपति होने के साथ वह एक कुशल नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाते रहे हैं। उनके मंत्रालय के कामकाज से पक्ष के साथ विपक्ष भी प्रशंसा करता रहा है। 23 साल की उम्र में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने थे। 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना – भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री रहे। वह ज्यादातर समय विधानपरिषद के सदस्य रहे हैं। 2014 में नागपुर से लोकसभा में पहुंचे। संघ वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। उन्होंने अपनी पहचान ज़मीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के तौर पर बनाई है और वे एक राजनेता के साथ-साथ एक कृषक और एक उद्योगपति भी हैं।
सदानंद गौड़ा
भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बेंगलुरु उत्तर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले डीवी सदानंद गौड़ा 2011 और 2012 के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वकालत से राजनीति में आए सदानंद गौड़ा ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री का पद संभाला। इसके अलावा गौड़ा कानून एवं न्याय मंत्री तथा रेलवे मंत्रालय का पदभार भी संभाल चुके हैं। विज्ञान में स्नातक गौड़ा ने कुछ समय के लिए वकालत की। इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और जन संघ के जरिए राजनीति में आए। गौड़ा 2006 में भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बने। वे 2007 में दोबारा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चुने गए। साल 2008 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को राज्य की सत्ता में लाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निर्मला सीतारमण
निर्मला सीतारमण देश की रक्षा मंत्री बनने वाली इंदिरा गांधी के बाद दूसरी महिला हैं। वह 2008 में भाजपा में शामिल हुई थी। वह ब्रिटेन में काम कर चुकी हैं और कुछ समय के लिए बीबीसी की विश्व सेवा में भी रही हैं। शुरुआत में उन्हें राज्यमंत्री के तौर पर शामिल किया गया था। बाद में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया। 2016 में वह कर्नाटक से राज्यसभा में चुनी गई। सितंबर 2017 में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। मंत्री बनने से पहले भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुकी हैं। वाजपेयी सरकार में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चुकी हैं। राफेल मुद्दे पर संसद में सरकार का पक्ष रखने चलते उनकी एक मजबूत महिला के रूप में छवि बनी थी। अर्थशास्त्र में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने वाली सीतारमण की उनके पति से मुलाकात हुई थी।
राम विलास पासवान
भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक और बिहार के कद्दावर नेता माने जाने वाले रामविलास पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष हैं और भाजपा गठबंधन वाली एनडीए सरकार में भी शामिल हैं। 16वीं लोकसभा में पासवान बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले और एनडीए की मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। लोजपा सुप्रीमो पासवान ने इस बार लोकसभा चुनाव में लड़ने से मना कर दिया था। छात्र राजनीति में सक्रिय रामविलास पासवान ने बिहार पुलिस की नौकरी से अपने कैरियर की शुरुआत की। वे 1996 से 2018 तक बनी विभिन्न पार्टियों की लगभग सभी सरकारों में मंत्री रहे। यही वह वजह है कि उनके विरोधी उन्हें मौसम वैज्ञानिक का नाम से पुकारते हैं।
नरेन्द्र सिंह तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर फिर मोदी कैबिनेट में शामिल किए गए हैं। छात्र राजनीति से सफर शुरू करने वाले तोमर मोदी कैबिनेट में महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री पद तक पहुंचे हैं। नरेन्द्र सिंह तोमर इस बार मुरैना से सांसद चुने गए हैं। छात्र जीवन- तोमर 1977 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष बनाए गए। नरेन्द्र सिंह तोमर पहली बार 1998 में ग्वालियर से विधायक चुने गए। 2003 में वो दूसरी बार उस बार विधानसभा चुनाव जीते जब प्रदेश में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा सत्ता में आयी। वह उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में कई महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रहे। 2014 में भाजपा की सरकार में उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिली।
रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद पिछली सरकार में कानून एवं न्याय और इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी मंत्री रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के बिहार से नेता इस बार वहां की पटना साहिब लोकसभा सीट से भाजपा छोड़कर कांग्रेस गए शत्रुघ्न सिन्हा को हराकर लोकसभा में चुने गए हैं। इससे पहले राज्यसभा के सदस्य थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता रविशंकर राम जन्मभूमि विवाद में वकील रहे हैं। विभिन्न मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखने वाले प्रसाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। उनके पिता ठाकुर प्रसाद जनसंघ संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उनकी बहन अनुराधा प्रसाद कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला की पत्नी हैं।
हरसिमरत कौर बादल
पंजाब के भठिंडा सीट से तीसरी बार लोकसभा सांसद चुनी गई शिरोमणि अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल को पुन: इस बार मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। हरसिमरत कौर बादल शिरोमणि अकाली दल के मुखिया प्रकाश सिंह बादल की बहू व सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। पिछली मोदी सरकार में भी हरसिमरत कौर कैबिनेट मंत्री थीं। कौर बठिंडा लोकसभा क्षेत्र 2009 में कैप्टन अमरिंदर के बेटे रनिंदर को हरा पहली बार संसद पहुंची थी। वर्ष 2014 में अपने देवर मनप्रीत बादल को 19 हजार वोटों से हराकर दोबारा चुनी गई और मंत्री बनीं। इस बार भठिंडा सीट से लोकसभा उम्मीदवार के रूप में चयनित हुएहैं और मोदी कैबिनेट में जगह मिली है।
थावर चंद गहलौत
डॉ थावर चंद गहलोत को मोदी सरकार में पुन: कैबिनेट में शामिल किया गया है। मोदी सरकार की पिछली कैबिनेट में भी गहलोत सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री थे। गहलोत अनुसूचित जातियों के लिए भाजपा का सबसे उल्लेखनीय चेहरा है। वह मध्य प्रदेश के शाजापुर के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्ष 2018 गहलोत को राज्यसभा (दूसरी बार) के लिए फिर से निर्वाचित किया गया था। 27 मई 2014 को वह सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री बने। इससे पहले वर्ष 2012 में वह राज्यसभा के लिए चुन गए थे।
एस. जयशंकर
सुब्रह्मण्यम जयशंकर राजनयिक रहे हैं जिन्होंने जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य किया। वह 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए। वह अमेरिका, चीन, चेक गणराज्य में भारत के राजदूत रहे। इसके अलावा सिंगापुर उच्चायुक्त रहे। जयशंकर ने भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 2019 में जयशंकर को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इस बार उन्हें सुषमा स्वराज की जगह विदेशमंत्री के रूप में कैबिनेट में जगह मिलने के आसार हैं।
रमेश पौखरियाल निशंक
हरिद्वार लोक सभा सीट से सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। रमेश पोखरियाल एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से कला स्नातकोत्तर, पीएचडी(ऑनर), डी लिट्(ऑनर) की डिग्री प्राप्त की। वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कर्णप्रयाग से लगातार तीन बार विधायक रहते हुए वह 97 में उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहे। नए राज्य उत्तराखंड सरकार में वित्त, राजस्व, कर, पेयजल सहित 12 विभागों के मंत्री रहे।
अर्जुन मुंडा
खूंटी लोकसभा सीट से जीते अर्जुन मुंडा झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव में झारखंड में एनडीए ने 12 सीटों पर कब्जा किया है। अर्जुन मुंडा 27 साल की उम्र में पहली बार 1995 में खरसांवा विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर विधायक बने। 2000 में अर्जुन मुंडा भाजपा में शामिल हो गए और 35 साल की उम्र में 2003 में झारखंड के मुख्यमंत्री बने। अर्जुन मुंडा 2009 में जमशेदपुर से सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भी रहे हैं।
स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी पिछली सरकार में कपड़ा मंत्री रही हैं और इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी लोकसभा सीट से हराकर लोकसभा पहुंची हैं। पिछली बार वह राहुल से हार गई थी और फिर उन्हें गुजरात से राज्यसभा में भेजा गया। वह दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भी लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, जहां उन्हें कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से हार का सामना करना पड़ा था। 2014 में उन्हें महज 34 वर्ष की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनी। उनके पास कपड़ा मंत्रालय के अलावा सूचना-प्रसारण मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय भी रहा है। स्मृति ईरानी टीवी सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहु थी’ से देश के घर-घर में जाना पहचाना चेहरा बनी थी।
डॉ हर्षवर्धन
दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार सांसद चुने गए डॉक्टर हर्षवर्धन को मोदी सरकार कैबिनेट में जगह मिली है। इससे पहले की मोदी सरकार में भी हर्षवर्धन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। हर्षवर्धन ने भाजपा के पिछले कार्यकाल में देश के स्वास्थ्य और पर्यावरण मंत्री रहे हैं। डॉ हर्षवर्धन लोकसभा से पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भी चुने गए। साल 2013 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में डॉ हर्षवर्धन के नेतृत्व में भाजपा दिल्ली की कुल 66 सीटों में 31 सीटें जीतने में कामयाब हुई। दिल्ली में उन्होंने पोलियो उन्मूलन के लिए अभूतपूर्व काम किया है।
प्रकाश जावड़ेकर
प्रकाश जावड़ेकर को मोदी सरकार में पुन: कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में जावड़ेकर मानव संसाधन विकास मंत्री रहे। जावड़ेकर वर्ष 1990 से 2002, तक वह महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य रहें। वर्ष 1995 में, वह महाराष्ट्र के राज्य नियोजन बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष बने। वर्ष 2008 में, उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। 27 मई 2014 को उन्हें सूचना और प्रसारण, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के लिए राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) नियुक्त किया गया। पांच जुलाई 2016 को, उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री नियुक्त किया गया था।
पीयूष गोयल
पीयूष गोयल मोदी सरकार में कई प्रभार संभाल चुके हैं। वर्तमान में वह राज्यसभा से सांसद हैं। पेशे से चार्टर अकाउंटेंट और इन्वेस्टमेंट बैंकर रहे गोयल पिछली सरकार में रेलवे और कार्यवाहक वित्तमंत्री रह चुके हैं। इस बार उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। फरवरी में उन्होंने वित्तमंत्री अरूण जेटली की जगह बजट पेश किया था। वह भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने अपने पिता का अनुसरण करते हुए 1986 में भाजपा में शामिल हुए थे।
धर्मेन्द्र प्रधान
धर्मेन्द्र प्रधान भारतीय जनता पार्टी के नेता तथा राज्यसभा सदस्य हैं। हाल ही में ओडिशा की राज्य में हुए चुनाव के दौरान वह भारतीय जनता पार्टी की ओर से पेश मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। वे पिछली सरकार में पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री(स्वतन्त्र प्रभार) एवं कौशल विकास मंत्री रहे हैं। वर्ष 2012 में बिहार से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। चौदहवीं लोकसभा में ओडिशा के देवगढ़ से सांसद चुने गये थे। वह विधान सभा के भी सदस्य रहे हैं। वे डॉ देवेन्द्र प्रधान के पुत्र हैं जो भाजपा के सांसद रहे हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी
मुख्तार अब्बास नकवी सरकार और भाजपा में अल्पसंख्यक चेहरा हैं। नकवी को 1975 में 17 साल की उम्र में उनकी राजनीतिक गतिविधियों के कारण महाराष्ट्र के नैनी सेंट्रल जेल में आपातकाल के दौरान जेल में बंद किया गया था। जनता पार्टी (सेकुलर) और स्वतंत्र के उम्मीदवार के रूप में दो बार विधानसभा चुनाव लड़े और असफल रहे हैं। उन्हें 1998 में लोकसभा में चुने गये और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्यमंत्री रहे। वह 2016 में राज्यसभा के लिए चुने गए। नरेंद्र मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने। जुलाई 2016 में उन्हें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला।
प्रह्लाद जोशी
कर्नाटक की धारवाड़ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रह्लाल जोशी को मोदी के नए केंद्रीय कैबिनेट मंत्री में शमिल किया गया है। 2008 में कर्नाटक की धारवाड़ लोकसभा सीट अस्तिव में आई थी। तब से इस लोकसभा सीट पर दो चुनाव हुए हैं। दोनों ही चुनाव में भाजपा का परचम लहराया है। वह कर्नाटक भाजपा इकाई में महासचिव हैं।
महेन्द्र नाथ पांडे
चंदौली से लोकसभा सांसद महेंद्र नाथ पांडेय उत्तर प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष बनने से पहले केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री थे। संघ और भाजपा में अच्छी हैसियत रखने वाले महेंद्र नाथ पांडेय ने पार्टी के एक अनुशासित फौजी के रूप में दोहरी जिम्मेदारी निभाई है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने 16 साल बाद इस सीट से भाजपा को जीत दिलाई थी। उत्तर प्रदेश में भाजपा में ब्राह्मणों की अनदेखी के मद्देनजर 2017 में जब सरकार बनी तो केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री पद सौंपा गया और उनके स्थान पर केंद्रीय मंत्री व पूर्वांचल में भाजपा के कद्दावर नेता महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। महेंद्र नाथ पांडेय की राम जन्मभूमि आंदोलन में भी भागीदारी रही है। आपातकाल में वह पांच माह के लिए डीआरडीए के तहत जेल भेजे गए थे। प्रथम राम जन्मभूमि आंदोलन में मुलायम सिंह यादव की सरकार में उन्हें रासुका के तहत निरुद्ध कर दिया गया था।
अरविंद सावंत
मुम्बई दक्षिण से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत को मोदी कैबिनेट में शपथ दिलाई गई। 68 साल के सावंत ने कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा को एक लाख वोट से हराकर अपनी सीट बरकरार रखी। सावंत शिवसेना के साथ पार्टी के शुरुआती दिनों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने 2014 में लोकसभा चुनाव पहली बार लड़ा और जीते। सावंत शिवसेना के उप नेता और एमटीएनएल ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष भी हैं।
गिरिराज सिंह
17वीं लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से चार लाख 22 हजार मतों के बड़े अंतर से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को हराकर संसद पहुंचने वाले भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह केंद्र में दोबारा मंत्री बने हैं। पिछले कार्यकाल में उनके जिम्मे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) था। अपनी राजनीतिक यात्रा में सबसे पहले वे वर्ष 2002 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल की में गिरिराज सिंह 2008 से 2010 तक सहकारिता मंत्री तथा 2010 से 2013 तक पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री बने। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे पहली बार नवादा से सांसद चुने गए थे।
गजेन्द्र सिंह शेखावत
गजेंद्रसिंह शेखावत जोधपुर सीट से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को हराकर लोकसभा पहुंचे हैं। आरएसएस कार्यकर्ता और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बेहद नजदीक माने जाते हैं गजेंद्र सिंह शेखावत, उन्हें सितंबर,2017 में कृषि राज्यमंत्री बनाया गया था। शेखावत ने 1992 में जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी,जोधपुर में छात्र राजनीति के जरिए छात्र संगठन का अध्यक्ष बनकर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। भारतीय जनता पार्टी के गजेंद्र सिंह शेखावत ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। 1980 से लेकर 1999 तक पांच बार विधायक रहे हैं।
इनके अलावा राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) के रूप में संतोष गंगवार, राव इन्द्रजीत सिंह, श्रीपद येशो नाइक, जितेन्द्र सिंह, किरण रिजिजू, प्रह्लाद पटेल, आर.के. सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मांडविया ने तो राज्यमंत्री के रूप में फग्गन सिंह कुलस्ते, अश्वनी चौबे, अर्जुन मेघवाल, वीके सिंह, कृष्णपाल गुजर, रावसाहेब दानवे, जी. किशन रेड्डी, पुरुषोत्तम रुपाला, रामदास अठावले, साध्वी निरंजन ज्योति, बाबुल सुप्रियो, संजीय बाल्यान, संजय धोत्रे सामराव, अनुराग ठाकुर, सुरेश अंगादि, नित्यानंद राय, रतनलाल कटारिया, वी. मुरलीधरन, रेणुका सिंह, सोम प्रकाश, रामेश्वर तेली, सिद्धार्थचंद्र सारंगी, कैलाश चौधरी एवं देबोश्री चौधरी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।