प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में उठाया आतंकवाद का मुद्दा

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प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के सत्र में आतंकवाद का मुद्दा उठाया और इसे खिलाफ विश्व को एकजुट होने एवं तत्परता दिखाने का आह्वान किया। 



न्यूयॉर्क, 24 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार देर शाम संयुक्त राष्ट्र महासभा के जलवायु परिवर्तन, दीर्घजीवी विकास के लक्ष्यों और आतंकवाद पर आयोजित सत्रों में शिरकत की। उन्होंने कहा कि विश्व कल्याण जन कल्याण से आरंभ होता है, इसलिए यह विषय भारत के लिए प्राथमिकता है।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के सत्र में आतंकवाद का मुद्दा उठाया और इसे खिलाफ विश्व को एकजुट होने एवं तत्परता दिखाने का आह्वान किया।
उन्होंने स्वस्थ्य कल के चार आधारस्तंभ निरोधक स्वास्थ्य, सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं, आपूर्ति पक्ष में सुधार और मिशन मोड में निरोधक हल बताए। उन्होंने मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता का स्तर उंचा उठाने के लिए, मेडिकल संरचना के लिए देश में उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने साल 2030 तक यक्ष्मा मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए मिशन के तौर पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में पांच हजार से ज्यादा स्पेशल फार्मेसी शुरू की गई है, जहां 800 से अधिक दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। मोदी ने आयुष्मान भारत योजना की भी चर्चा की और कहा कि विश्व की इस सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 50 करोड़ गरीबों को प्रतिवर्ष पांच लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार की सुविधा दी गई है। अभी तक 45 लाख लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
 विदित हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के ‘स्ट्रैटेजिक रिस्पॉन्सेज टू टेररिस्ट एंड वायलेंट एक्सट्रेमिस्ट नैरेटिव्स’ सत्र को भी संबोधित किया। इस मंच से उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता और तत्परता का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि जिस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लिया जा रहा उसी तरह आतंकवाद के खिलाफ भी तत्परता दिखाया जाए।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद अच्छा और बुरा नहीं होता है। विदेश सचिव (पश्चिम) ए गीतेश शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय ढांचे के माध्यम से चल रहे सहयोग और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान में गुणात्मक सुधार का भी आह्वान किया और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को संस्थागत बनाने का सुझाव दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों को धन और हथियार प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए संयुक्त राष्ट्र लिस्टिंग और एफएटीएफ जैसे तंत्रों के राजनीतिकरण से बचाने की आवश्यकता है।

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