नई दिल्ली, 11 सितम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक शांति के लिए आचार्य विनोबा भावे के ‘जय जगत’ और स्वामी विवेकानंद के ‘यूनिवर्सल ब्रदरहुड’ के संदेश को आज भी प्रासंगिक बताते हुए कहा कि संपूर्ण मानव जाति यदि केवल इन सिद्धांतों पर चली होती तो 9/11 को अमेरिका में जो विनाश हुआ वह नहीं होता।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को भारत में भूदान तथा सर्वोदय आन्दोलन के प्रणेता गुरु आचार्य विनोबा भावे को उनकी 125वीं जयंती पर याद करने के साथ ही शिकागो विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के संबोधन की 127वीं वर्षगांठ के मौके पर उनकी शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि इन महापुरुषों के पास पूरी मानवता को सिखाने के लिए बहुत कुछ है।
मोदी ने 19 साल पहले आज ही के दिन अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर ट्वीट कर कहा, विश्व 9/11 को अमेरिका पर हुए नृशंस हमले के लिए याद याद करता है। उन्होंने कहा कि मानव जाति यदि केवल आचार्य विनोबा भावे के ‘जय जगत’ और स्वामी विवेकानंद द्वारा 1893 में दिए गए यूनिवर्सल ब्रदरहुड के संदेश के रास्ते पर चली होती, तो जो विनाश हुआ, वह नहीं होता। उल्लेखनीय है कि इस आतंकवादी हमले में तीन हजार से अधिक लोग मारे गए थे।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, आज 11 सितंबर को हम भारत में दो महत्वपूर्ण मील के पत्थर चिह्नित करते हैं। आचार्य विनोबा भावे की जयंती और जिस दिन स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना उत्कृष्ट भाषण दिया था। इन महापुरुषों के पास पूरी मानवता को सिखाने के लिए बहुत कुछ है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं से शिकागो में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण के अध्ययन का आग्रह करते हुए कहा, 1893 में स्वामी विवेकानंद के संबोधन ने भारत के लोकाचार की भावना और उन मूल्यों का पूर्ण प्रदर्शन किया, जो हमारी भूमि का एक अभिन्न अंग हैं। मैं युवाओं से उनके संबोधन भाषण को पढ़ने का आग्रह करता हूं।