लखनऊ, 19 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिए जारी चुनाव प्रक्रिया में मतदान नहीं होगा। सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दस और समाजवादी पार्टी (सपा) के दोनों उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा है। निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में नामांकन करने वाले महेश चंद्र शर्मा का पर्चा मंगलवार को खारिज हो गया।
नामांकन पत्रों की जांच के दौरान पता चला कि महेश चंद्र शर्मा के पर्चे में एक भी प्रस्तावक का नाम नहीं था। नियमानुसार विधान परिषद के चुनाव में उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर कम से कम दस विधायकों के प्रस्तावक के रुप में हस्ताक्षर होने चाहिए। महेश चंद्र शर्मा ने नामांकन के दौरान दावा किया था कि उनके नाम का प्रस्ताव अपना दल और निर्दलीय विधायकों ने किया है, लेकिन मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान पता चला कि उनके नामांकन पत्र में प्रस्तावकों के नाम वाला बॉक्स खाली था। वहां किसी भी विधायक के हस्ताक्षर नहीं थे। ऐसे में उनका नामांकन खारिज कर दिया गया।
महेश चंद्र शर्मा के पर्चा निरस्त होने के बाद अब 12 सीटों के लिए भाजपा के दस और सपा के दो उम्मीदवार मैंदान में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि 21 जनवरी को नाम वापसी की अवधि बीतने के बाद भाजपा और सपा के सभी उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा हो जाएगी और उसी दिन सभी को प्रमाण पत्र भी दे दिए जाएंगे।
विधान परिषद की 12 सीटों के लिए हो रहे इस चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, लक्ष्मण आचार्य, अवकाश प्राप्त आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा, कुंवर मानवेंद्र सिंह, भाजपा प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, अश्विनी त्यागी, सलिल विश्नोई, सुरेंद्र चैधरी व धर्मवीर प्रजापति ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वहीं, सपा की तरफ से पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अहमद हसन और पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी ने पर्चा दाखिल किया है।