चंडीगढ़, 30 जनवरी। हिमाचल प्रदेश की एक अदालत द्वारा हरियाणा में कालका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। शनिवार को विधानसभा स्पीकर ने सदस्यता रद्द होने का ऐलान किया तो सचिवालय ने कालका विधानसभा क्षेत्र को रिक्त सीट की अधिसूचना जारी करके चुनाव आयोग को भेज दी। अब इस बात की प्रबल संभावना बन गई है कि ऐलनाबाद के साथ ही कालका में भी उपचुनाव हो सकता है।
90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा के लिए वर्ष 2019 में हुए चुनाव के दौरान भाजपा 40 तो कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव जीतकर आई थी। विधानसभा में जजपा के दस तो सात निर्दलीय व एक हलोपा और एक इनेलो विधायक जीतकर आए थे। कुछ समय पहले बरोदा विधायक के निधन के बाद हुए उपचुनाव को कांग्रेस ने फिर से जीत लिया। अभय चौटाला के इस्तीफे के बाद ऐलनाबाद सीट रिक्त हो चुकी है और विधानसभा के मौजूदा सदस्यों की संख्या कम होकर 89 रह गई थी।
शनिवार को स्पीकर द्वारा कालका सीट को रिक्त घोषित किए जाने के बाद सदन में कुल सदस्यों की संख्या 88 रह गई है। वर्तमान में कांग्रेस के पास 30 विधायक रह गए हैं।प्रदीप चौधरी ने 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले इनेलो छोडक़र कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। इससे पहले वे कालका से इनेलो टिकट पर विधायक रह चुके हैं। चौधरी ने 2019 के विस चुनाव में भाजपा की सिटिंग विधायक लतिका शर्मा को चुनाव हराया था।
विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जुलाई-2013 में लीली थॉमस बनाकर भारत सरकार केस में दिया गया फैसला, इसका सबसे बड़ा आधार है। हिमाचल के नालागढ़ की अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले की कॉपी मिलने के बाद एडवोकेट जनरल कार्यालय से भी राय मांगी गई थी। जिसके आधार पर यह फैसला लिया गया है।