धनबाद, 09 अक्टूबर (हि.स.)। भाजपा विधायक ने एक मामले में सजा होने के बाद भी राहत महसूूस की। उन्हें अनुमंडल दंडाधिकारी की अदालत ने एक मामले में दोषी पाये जाने पर डेढ़ साल की सजा सुनायी। यदि अदालत दो वर्ष से अधिक की सजा सुनाता तो विधायक अगला चुनाव लड़ने से वंचित हो जाते। इस मामले में अदालत ने विधायक सहित चार लोगों को दोषी पाया, जबकि एक व्यक्ति को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने विधायक के आवेदन पर जमानत दे दी है।
बुधवार को धनबाद की अनुमंडल दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने एक वारंटी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के मामले में आरोपित भाजपा विधायक ढुल्लू महतो सहित राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो और गंगा गुप्ता को दोषी करार दिया। अदालत ने इन चारों को अलग-अलग धाराओं में 18 माह (डेढ़ साल ) की सजा सुनाई है। इस मामले में एक अभियुक्त बसंत शर्मा को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अदालत ने सजा सुनाने के बाद विधायक को जमानत दे दी है। वे अदालत के इस आदेश के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करेंगे।
उल्लेखनीय है कि दो साल से कम सजा मिलने के चलते ढुल्लू महतो की विधायकी बच गई और वह अगला विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।
क्या था पूरा मामला
ढुल्लू महतो और उनके साथियों ने कतरास थाना क्षेत्र में वर्ष 2013 में बरोरा थाना के एक मामले के आरोपित को हिरासत से वांरटी राजेश गुप्ता को जबरदस्ती छुड़ा लिया था। उन पर यह भी आरोप था कि इस दौरान उन्होंने पुलिसवालों के साथ मारपीट की और उनकी वर्दी भी फाड़ दी थी। ढुल्लू महतो पर सरकारी काम में बाधा डालने का भी आरोप है। इस सिलसिले में बरोरा के तत्कालीन थाना प्रभारी आरएन चौधरी ने कतरास थाना में विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 12 मई 2013 को विधायक और उनके साथियों ने बरोरा पुलिस से वारंटी राजेश गुप्ता को जबरन छुड़ा लिया था। इस दौरान विधायक और उनके समर्थकों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की। इस मामले में थाना प्रभारी आरएन चौधरी की शिकायत पर पुलिस ने विधायक ढुल्लू महतो, राजेश गुप्ता, चुनचुन गुप्ता, रामेश्वर महतो, गंगा गुप्ता, बसंत शर्मा समेत अन्य के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और हिरासत से वारंटी को जबरन मुक्त कराने, हमला करने, हथियार छिनने की कोशिश करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।