इंदौर, 30 जून (हि.स.)। नगर निगम कर्मचारियों के साथ मारपीट मामले में जेल में बंद वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयर्वीय के पुत्र और विधायक आकाश विजयवर्गीय रविवार सुबह जेल से रिहा हो गए। जेल के बाहर बड़ी संख्या में मौजूद समर्थकों ने उनका स्वागत किया। आकाश विजयवर्गीय को शनिवार को भोपाल की स्पेशल कोर्ट से जमानत मिल गई थी। लेकिन शनिवार को जेल की कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से आकाश विजयवर्गीय जेल से बाहर नहीं आ सके थे। रविवार सुबह सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद आकाश विजयवर्गीय बाहर आए।
आकाश विजयवर्गीय को लेने उनके भाई कल्पेश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला और पार्षद चंदू शिंदे पहुंचे थे। जेल से बाहर आने के बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय ने कहा कि कारावास में उनका समय अच्छा गुजरा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब एक महिला को पुलिस के सामने घसीटा जा रहा था, मैं कुछ और करने के बारे में सोच भी नहीं सकता था, जो मैंने किया उस पर शर्मिंदा नहीं हूं लेकिन मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का अवसर न दें। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका कण-कण पल-पल जनता के लिए है, वे अपने क्षेत्र और जनता की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि आकाश को रविवार सुबह 10 बजे जेल से रिहा किया जाना था। कार्यकर्ताओं ने इसके लिये जुलूस की योजना बनाई थी, लेकिन जेल और जिला प्रशासन ने कानून व्यवस्था की स्थिति ना बिगड़े इस कारण आकाश को जल्दी छोड़ दिया। रिहाई के बाद वे सीधे भाजपा कार्यालय गए और इसके बाद अपने घर पहुंचे। घर पहुंचने पर वहां उनका फूलमाला और मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया। यहां वे दिनभर भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करते रहे । बता दें कि आकाश विजयवर्गीय को भोपाल की विशेष अदालत से शनिवार को जमानत मिली थी। 26 जून को इंदौर नगर निगम के अधिकारी को बल्ले से पीटने के आरोपी आकाश विजयवर्गीय पर उसी दिन मुकदमा दर्ज हुआ था और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।