सबसे बड़ी तेल कम्पनी में लगी आग,सऊदी अरब पर मिसाइलों से हमला

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सना, राइटर्स, 08 मार्च (हि.स.)। सऊदी अरब के तेल उद्योग के केंद्र में रविवार को ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया गया। इस हमले में यमन के हुती विद्रोहियाें का हाथ बताया जा रहा है। हमले में तनुरा में सबसे बड़ी तेल कम्पनी अरामको भी प्रभावित हुई है, जो पेट्रोलियम निर्यात के लिए महत्वपूर्ण है।

दरअसल, सऊदी अरब और यमन में मौजूद हूती विद्रोहियों के बीच खतरनाक जंग जारी है। पिछले हफ्ते सऊदी अरब की राजधानी रियाद पर रॉकेट हमला करने के बाद अब यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको को निशाना बनाया है।

हालांकि रियाद ने इस ताजा हमले को वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा पर एक असफल हमला करार दिया है लेकिन हमलों के कारण सऊदी अरब को आधे से अधिक तेल उत्‍पादन को बंद करना पड़ा, जिससे दुनिया भर में तेल की कीमतें बढ़ गई हैं। सऊदी ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि हमलों से कोई हताहत या किसी संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ है।

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रास तनुरा में एक तेल भंडारण यार्ड, एक रिफाइनरी के स्थल और दुनिया की सबसे बड़ी समुद्र तटीय तेल लोडिंग सुविधा केंद्र पर लक्ष्य को भेदने से पहले समुद्र से आने वाले एक ड्रोन ने रोक दिया।  मंत्रालयों ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी राज्य नियंत्रित सऊदी अरामको द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे धरहर में एक आवासीय परिसर के पास बैलिस्टिक मिसाइल गिरी। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक हूती विद्रोहियों ने असिर, दम्मन और जागन के मिलिट्री बेस पर भी हमला किया है। इस हमले से तेल कंपनी अरामको को काफी नुकसान पहुंचा है। ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने कहा है कि उसने सऊदी अरब पर 14 ड्रोन और 8 बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है।

हमलों ने जनवरी 2020 के बाद से ब्रेंट क्रूड की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से अधिक कर दीं हैं, जबकि अमेरिकी कच्चे तेल के भावी सौदे ने अक्टूबर 2018 की उंचाइयों को छू लिया है।

हुती विद्रोहियों ने हाल ही में सऊदी अरब पर ऐसे समय में यह कदम उठाया था, जब संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र युद्ध को समाप्त करने के लिए रुकी हुई राजनीतिक वार्ताओं को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष विराम पर जोर दे रहे हैं।

 


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