ट्रेन सेवाओं को बंद करने को नहीं कहा है किसी भी राज्य ने: रेलवे

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नई दिल्ली, 16 अप्रैल (हि.स.)। देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर फिलहाल रेल सेवाओं पर नहीं पड़ेगा। रेल मंत्रालय के समक्ष अभी तक किसी भी राज्य ने रेलगाड़ियों के परिचालन को स्थगित करने की मांग नहीं उठाई है। ट्रेन सेवाओं को कोविड से पूर्व स्तर के 70 प्रतिशत तक बहाल कर दिया है। देशभर के विभिन्न स्थानों पर कोविड-19 के मरीजों को रखने के लिए 4000 आइसोलेशन कोच तैयार किए हैं।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने शुक्रवार को एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी राज्य ने रेल सेवा को बंद करने के लिए रेलवे को नहीं कहा है, लेकिन राज्यों ने जहां कहीं भी कंटेनमेंट जोन वाले स्थानों को लेकर चिंता जताई है, रेलवे ने ऐसे स्थानों पर जाने वाले यात्रियों को राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि रेलवे आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग वेबसाइट के माध्यम से यात्रियों को राज्य सरकारों की मांग के अनुरूप यात्रा करते समय आरटी-पीसीआर परीक्षण या कोविड-19 की जांच की नकारात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जागरूक कर रहा है।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ सुनीत शर्मा ने कहा कि भारतीय रेलवे वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 1,490 मेल और एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेनें और 5,397 उपनगरीय ट्रेन सेवाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि हम अधिक मांग वाली ट्रेनों की 28 क्लोन ट्रेनें और 947 यात्री ट्रेनों भी चला रहे हैं। कुल मिलाकर ट्रेन सेवाओं को कोविड से पूर्व स्तर के 70 प्रतिशत तक बहाल कर दिया है। उन्होंने कहा, देश भर में अतिरिक्त भीड़ की सुविधा के लिए रेलवे 140 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन कर रहा है। यह रेलगाड़ियां अप्रैल-मई के दौरान 483 फेरे लगाएंगी। यह रेलगाड़ियां अधिक मांग वाले शहरों जैसे गोरखपुर, पटना, दरभंगा, वाराणसी, गुवाहाटी, मंडुआडीह, बरौनी, प्रयाग राज, बोकारो, रांची, लखनऊ, कोलकाता और भागलपुर के लिए चलाई जा रही हैं।
गत वर्ष की तर्ज पर श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए एक बार फिर श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने संबंधी एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां भी मांग और आवश्यकता होगी, वहां ट्रेनें चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं होने पर रेलवे ने राज्य सरकारों को स्वास्थ्य क्षेत्र में मदद करते हुए पिछले साल रेलवे के कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया कोच था। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार सरकारों ने इन आइसोलेशन वार्ड का इस्तेमाल भी किया था।
शर्मा ने कहा, इस वर्ष भी रेलवे ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर देशभर के विभिन्न स्थानों पर कोविड-19 के मरीजों को रखने के लिए 4000 आइसोलेशन कोच तैयार किए हैं। उन्होंने कहा, हमें महाराष्ट्र के नंदुरबार से 100 से अधिक आइसोलेशन कोच की मांग मिली है और हमने 20 आइसोलेशन कोच उपलब्ध करा दिए हैं।
शर्मा ने कहा कि रेलवे मुंबई, गुजरात, कर्नाटक के सभी स्टेशनों पर कड़ी नजर रखे हुए है और जहां भी मांग अधिक है, जोनल महाप्रबंधकों को और ट्रेनें चलाने के लिए अधिकृत किया गया है।

 


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