उप्र खनन घोटाला : फर्जी रॉयल्टी के नाम पर चलाई गई 25 खदानें, सीबीआई ने शुरू की जांच

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दो मौरंग खदानों में पहुंचकर सीबीआई ने की जांच, तमाम किसानों के भी लिए बयानमाया सरकार में अवैध खनन और सिंडीकेट के नेटवर्क की खुलने लगीं परतें 



हमीरपुर, 30 नवम्बर (हि.स.)। खनन घोटाले की परतें खोलने में जुटी सीबीआई की तीन सदस्यीय टीम ने शनिवार को दो मौरंग खंड क्षेत्र में पहुंचकर जांच शुरू कर दी। यहां सपा के एमएलसी रमेश मिश्रा और बांदा के मौरंग कारोबारियों की दस-दस एकड़ क्षेत्र में मायावती की सरकार में खदानें चलती रही हैं। सीबीआई मायावती सरकार में जारी मौरंग खदानों के पट्टों में लगी वन विभाग की एनओसी को भी खंगाल रही हैं। साथ ही फर्जी रायल्टी के जरिये जिले में चलाई गई 25 मौरंग खदानों में अवैध खनन के साक्ष्य जुटाने के लिये सीबीआई ने तमाम किसानों के भी बयान लिए हैं।  इससे मौरंग कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई खनन घोटाले की पिछले तीन साल से जांच कर रही है। मायावती की सरकार में वर्ष 2010 में सरीला क्षेत्र के बेंदा दरिया मौरंग खदान में 10 एकड़ से अधिक क्षेत्र में खनन का पट्टा जारी किया गया था। उस समय यहां के जिलाधिकारी जी.श्रीनिवास थे। मौरंग खनन के लिये पर्यावरण सम्बन्धी एनओसी तत्कालीन डीएफओ ललित किशोर गिरि ने जारी की थी। मुस्करा क्षेत्र के शिवनी में भी विरमा नदी पर दस एकड़ से अधिक का मौरंग का पट्टा बांदा के एक मौरंग कारोबारी को दिया गया था। इसमें भी वन विभाग ने एनओसी जारी की थी। इनके साथ हमीरपुर के भी कुछ मौरंग कारोबारी शामिल थे। एनओसी जारी करने में भी अंधेरगर्दी सामने आई है। सीबीआई ने रिकार्ड खंगालने के बाद शनिवार को सरीला क्षेत्र में बेंदा दरिया व शिवनी में स्थलीय पड़ताल की है। इन दोनों जगहों पर भी सीबीआई ने किसानों से भी पूछताछ की।
याचिकाकर्ता एवं समाजसेवी विजय द्विवेदी ने बताया कि वर्ष 2010 में सिर्फ दो मौरंग खनन के पट्टे संचालित किए गए थे जिसके बाद मौरंग कारोबारियों ने इन खदानों की रायल्टी के जरिये जिले में 25 मौरंग खदानें चलाकर अवैध खनन किया। फर्जी रायल्टी के जरिये मौरंग कारोबारियों ने पत्यौरा, पतारा सहित पूरे जिले में खनन का खेल खेला। साथ ही बेंदा दरिया व शिवनी मौरंग खदान के आसपास सैकड़ों किसानों के खेतों में भी अवैध खनन किया। सीबीआई ने मौके पर तमाम किसानों से खनन से सम्बन्धित जानकारी कर उनके बयान दर्ज किए हैं। किसानों ने भी सीबीआई को अवैध खनन का खेल चलने की जानकारी दी है। उल्लेखनीय है कि 2 जनवरी 2019 को सीबीआई ने महिला आईएएस बी.चन्द्रकला, तत्कालीन खनिज अधिकारी मुईनुद्दीन, सपा एमएलसी रमेश मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित उनके पिता सत्यदेव दीक्षित, अम्बिका उर्फ बबलू, खनिज विभाग के रिटायर्ड लिपिक रामआसरे व पट्टा धारक रामऔतार बाबू समेत 11 लोगों के यहां छापेमारी करने के बाद सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था।
सीबीआई की जांच की डर से चार मौरंग कारोबारी मरेः याचिकाकर्ता एवं समाजसेवी द्विवेदी ने बताया कि खनन घोटाले की जांच सीबीआई को मिलने के कुछ अर्से बाद पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित के मुनीम विनीत पालीवाल ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मौरंग कारोबारी ज्वाला बाबू और रामप्रकाश सोनकर की मौत हो चुकी है। इसके अलावा एक मौरंग कारोबारी के मुनीम छेदालाल निषाद की भी मौत हो गई है। इसने एक बार सीबीआई के समक्ष पेश होकर बयान भी दिया था। याचिकाकर्ता ने बताया कि सीबीआई की रडार में दर्जनों मौरंग कारोबारी आ गए हैं जो भागे-भागे फिर रहे हैं।

 


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