उप्र: मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम पर करोड़ों रुपये का घोटालेबाज अरुण मिश्रा गिरफ्तार

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यूपीसीडा के प्रधान महाप्रबंधक हैं अरुण कुमार मिश्रा, कागज पर सड़क का कराया निर्माण



कानपुर, 27 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाये हुए हैं और इसी मुहिम के तहत मंगलवार को यूपीसीडा के प्रधान महाप्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन पर आरोप है कि चकेरी थाना क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाई गयी सड़क को उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) में दिखा दिया और दो करोड़ रुपये से अधिक का भ्रष्टाचार कर दिया। बताया जा रहा है कि इस मामले में एक सहायक अभियंता, एक अवर अभियंता और एक ठेकेदार व सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता को भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
जनपद के चकेरी थाना क्षेत्र में प्रयागराज नेशनल हाईवे से पाली गांव होकर चकेरी औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाली तीन किलोमीटर सड़क का निर्माण वर्ष 2009 में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने किया था। इसके आगे की 1940 मीटर सड़क को लोक निमार्ण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बनाया था। यूपीसीडा के अफसरों ने पीडब्ल्यूडी के हिस्से की सड़क को भी अपने हिस्से के निर्माण कार्य में दिखा दिया था। यूपीसीडा के तत्कालीन अधिशाषी अभियंता अजीत सिंह, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह और अवर अभियंता एसके वर्मा ने मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेज फर्म द्वारा बनाए जाने की बात कहते हुए 12 जनवरी 2009 को 2 करोड़ 11 लाख रुपए पास करा लिए थे। यूपीसीडा से दो किस्तों में इस रकम का भुगतान कर दिया गया था। मामला खुलने पर यूपीसीडा के तत्कालीन प्रबंध निदेशक इफ्तेखारुद्दीन ने 2012 में अजीत सिंह, नागेंद्र सिंह और एसके वर्मा और फर्म कार्तिक इंटरप्राइजेज के खिलाफ चकेरी थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। जांच में अरुण कुमार मिश्रा भी दोषी पाए गए थे। साठगांठ के चलते एक के बाद एक सभी अफसरों ने आंख बंद करके करोड़ों का बिल पास कर दिया था। अभी तक शासन की अनुमति नहीं मिलने से अरुण कुमार मिश्रा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं हो पा रही थी। जबकि जांच में घोटाले में शामिल होने की पुष्टि हो गयी थी। शासन की आठ साल बाद अनुमति मिलते ही सीओ कैंट सत्यजीत गुप्ता ने अरुण कुमार मिश्रा, नागेंद्र और एसके वर्मा के खिलाफ चार्जशीट लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस की जांच में प्रधान महाप्रबंधक अरुण मिश्रा का नाम सामने आया। विवेचक ने माना कि बिना मौका मुआयना कराए ही प्रधान महाप्रबंधक ने फर्म को धनराशि का भुगतान किया और उनकी संलिप्तता उजागर होती है। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने अरुण कुमार मिश्रा की गिरफ्तारी करने का आदेश देते हुए एक टीम भी गठित की थी। इस टीम ने ही अरुण कुमार मिश्रा को रामादेवी के पास से गिरफ्तार किया है। तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस मामले में अभी कई और लोगों की गिरफ्तारी होगी। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने अरुण की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

 


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