जोधपुर, 25 दिसम्बर (हि.स.) । करीब चार दशक से देश के आसमान पर अपना पराक्रम दिखाने वाला इंडियन एयरफोर्स का ‘बहादुर’ मिग 27 फाइटर जेट का सफर 27 दिसम्बर को थम जाएगा। इसके साथ एयरफोर्स में मिग 27 का युग समाप्त हो जाएगा। अब एयरफोर्स के पास मिग श्रेणी के सिर्फ मिग 21 बायसन विमान ही रह जाएंगे। हवा से जमीन पर बेहतरीन हमलावर फाइटर मानेजाने वाले जोधपुर एयरबेस पर मिग 27 की एकमात्र 29 स्क्वॉड्रन ‘स्कॉर्पियो’ के सभी सात फाइटर जेट की 27 दिसम्बर को आखिरी उड़ान होगी। इसके बाद सभी विमान फेज आउट हो जाएंगे और उनकी उड़ानें अतीत का हिस्सा बन जाएंगी।
इंडियन एयरफोर्स ने कभी बेहतरीन फाइटर रहे बहादुर की विदाई को यादगार बनाने की पूरी तैयारी की है। इसके लिए सूर्यकिरण विमान की टीम जोधपुर पहुंच चुकी है। सूर्यकिरण विमानों के हैरत अंगेज करतब के बीच मिग-27 को विदा किया जाएगा। जब एयरफोर्स के पास नए विमान आएंगे तब 29 स्क्वॉड्रन दोबारा ऑपरेशनल हो जाएगी। तीन साल पहले बंगाल के हाशिमारा में मिग 27 की दो स्क्वॉड्रन के विमान फेज आउट हो चुके हैं।
मिग-27 का इंडियन एयर फोर्स में गौरवशाली इतिहास रहा है। सोवियत रूस से मिग श्रेणी के विमान की खरीद हो रही थी, तब 1981 में पहली बार इसे भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। ये उस दौर का सबसे बेहतरीन फाइटर जेट था। पिछले 38 साल से अधिक समय से सेवा में रहे इस फाइटर जेट को हवा से जमीन पर हमला करने का बेहतरीन विमान माना जाता है। एचएएल ने रूस से मिले लाइसेंस के आधार पर कुल 165 मिग-27 का निर्माण किया था। बाद में इनमें से 86 विमानों का अपग्रेडेशन किया गया। 1700 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम यह विमान एक साथ चार हजार किलोग्राम के हथियार ले जा सकता है।
हमला करने में सबसे बेहतरीन माने जाते रहे इस विमान का इंजन आर-29 हमेशा से परेशानी का सबब बना रहा। इंजन की तकनीकी खामी कभी पूरी तरह से दूर नहीं की जा सकी। यही कारण रहा है कि इस विमान के क्रैश होने की घटनाएं बहुत अधिक हुईं। गत दो दशक में हर वर्ष दो विमान हादसे का शिकार हुए। वर्ष 2010 में एयर फोर्स ने पूरे बेड़े को ग्राउंड पर खड़ा कर इसकी विस्तृत जांच भी की, लेकिन हादसों पर अंकुश नहीं लग पाया। एयर फोर्स ने तीन वर्ष पहले ही इन सभी विमानों को अपने बेड़े से हटाने का फैसला कर लिया था, लेकिन नए लड़ाकू विमान मिलने में विलम्ब होता देख मजबूरी में उन्हें इस फाइटर को उड़ाना पड़ा।
ऑपरेशनल होगी स्क्वॉड्रन
एयरफोर्स के पास 42.5 के मुकाबले सिर्फ 30 लड़ाकू स्क्वॉड्रन ही हैं। जैसे-जैसे मिग फेज आउट हो रहे हैं उनकी स्क्वॉड्रन नम्बर प्लेट्स हो रही है। यानी बिना विमान के स्क्वॉड्रन का पूरा रिकार्ड सील हो जाता है, नए विमान आने के बाद स्क्वॉड्रन को दोबारा एक्टिव कर दिया जाता है। जोधपुर में मिग 21 बायसन की दो साल पहले और मिग 27 की पिछले साल स्क्वॉड्रन नंबर प्लेट्स हो चुकी है। अब ये अंतिम मिग 27 की स्क्वॉड्रन भी नंबर प्लेट्स हो रही हैं।