पायलट की मौत,वायुसेना का ​मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त

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ग्वालियर एयर बेस से ​लड़ाकू प्रशिक्षण मिशन के लिए भरी थी उड़ान  जांच के लिए वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी का गठन किया 



नई दिल्ली, 17 मार्च (हि.स.)।​ ​​ग्वालियर एय​​र बेस से लड़ाकू प्रशिक्षण मिशन के लिए रवाना हुआ भारतीय वायुसेना का एक ​​मिग-21 बाइसन विमान ​​बुधवार सुबह​ दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ​इस दुर्घटना में आईएएफ ने ग्रुप कैप्टन ए गुप्ता को खो दिया। वायुसेना ने दुर्घटना का कारण पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दिया है।
 
भारतीय वायुसेना ​के ​​​​मिग-21 बाइसन विमान ​ने ​​​ज सुबह ​ग्वालियर एयर बेस से लड़ाकू प्रशिक्षण मिशन के लिए ​उड़ान भरी थी​ टेक-ऑफ रन के दौरान ​ही यह विमान ​दुर्घटना​ग्रस्त हो गया​ इस दुर्घटना में ​भारतीय वायुसेना के पायलट ग्रुप कैप्टन ए गुप्ता ​की मौत हो गई। ​वायुसेना ने दुर्घटना का कारण निर्धारित करने ​के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया ​​है।​ ​पिछले 18 महीनों में कुल 3 मिग-21 क्रैश हो चुके हैं। इससे पहले 05 जनवरी, 2021 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में प्रशिक्षण के दौरान वायुसेना का लड़ाकू विमान मिग21 बाइसन क्रैश हुआ था। विमान में गड़बड़ी का पता लगते ही पायलट ने सुरक्षित रूप से निकासी कर ली, इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई थी। इस मामले में भी वायुसेना ने जांच के आदेश दे रखे हैं।  
 
साठ साल की उम्र पूरी करने के बाद अब भारतीय वायुसेना से रूसी लड़ाकू विमान मिग वेरिएंट की विदाई का वक्त करीब आ गया है। वैसे तो भारत को पाकिस्तान से तीन युद्ध जिताने वाले इस ‘लड़ाकू’ मिग21 को 50 वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद रिटायर कर दिया गया था लेकिन भारत के पास बचे 54 ‘सेनानियों’ को रूसी कम्पनी ने अपग्रेड करके मिगबाइसन बना दिया। अब एयरो इंडिया-2021 के दौरान 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए की डील फाइनल होने के बाद यह ‘योद्धा’ वायुसेना से रिटायर हो जायेगा। लड़ाकू विमानों की इस पीढ़ी के विदा होने के बाद इनकी जगह स्वदेशी ‘तेजस’ लेगा, जिसे एचएएल कई वेरिएंट में बना रहा है। भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने 27 फरवरी, 2019 को बालाकोट स्ट्राइक के दौरान इसी मिग बाइसन विमान से पाकिस्तानी एफ16 को मार गिराया था लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है
 
मिग21 बाइसन  
रूसी कंपनी ने 11,496 मिग21 विमानों का निर्माण करने के बाद अपने आखिरी मिग21 को मिग बाइसन के रूप में 1985 में अपग्रेड किया था। इस परिष्कृत मॉडल में पहले वाले मिग21 वेरिएंट की कई कमियों को दूर किया गया था इसके बाद रूसी कंपनी ने भारतीय वायुसेना के पास बचे 54 मिग21 विमानों को भी मिग21 बाइसन के रूप में अपग्रेड किया इसलिए भारतीय वायु सेना का मिग21 अपग्रेड होकर ‘मिग21 बाइसन हो गया इस अपग्रेडेड मिग21 बाइसन‘ में बबल कैनोपी और रैपराउंड विंडस्क्रीन, पहले से ज्यादा अधिक सक्षम रडार, दूर तक देखने की क्षमता, बियॉन्ड विजुअल रेंज, मिसाइल से फायर करने की क्षमता है इनके अलावा कई अन्य संशोधनों ने हवाई जहाज की क्षमता में चार गुना वृद्धि की और इसे शुरुआती एफ16 वेरिएंट के स्तर तक लाया गया इस समय भारतीय वायुसेना के पास 54 मिग21 बाइसन हैं। 
 

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