नई दिल्ली/चेन्नई, 31 अगस्त (हि.स.)। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी यूनियन के सदस्यों ने 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय कर चार बैंक बनाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध किया है।
सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए देशभर में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक संगठन के सदस्यों ने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे। संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटचालम ने शनिवार को कहा कि सरकार ने यह निर्णय गलत समय पर लिया है और इसकी समीक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय के विरोध में एक रैली निकालने की योजना है। उन्होंने कहा कि कि इस विलय के मायने है छह बैंकों का बंद होना।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर 4 बड़े बैंक बनाने की घोषणा की। विलय की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों के विलय का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के मजबूत बैंकों का निर्माण करना है। ताकि देश को पांच हजार अरब डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाया जा सके। सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक में अन्य सरकारी बैंकों का विलय कर के 4 बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है।
वेंकटचालम ने कहा कि भले ही सरकार इसे विलय कह सकती है, लेकिन इससे 6 बैंक बैंकिंग क्षेत्र से गायब हो जाएंगे, जिन्हें बनने में वर्षों लगे हैं। उन्होंने कहा कि हड़ताल पर जाने को लेकर दिल्ली में 11 सितंबर को संघ की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा।