मेरठ, 23 दिसम्बर (हि.स.)। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में बवाल के बाद सोमवार को मेरठ में जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। रविवार की आधी रात से कई दिन से बंद इंटरनेट सेवाएं भी चालू कर दी गईं। हालांकि शीतलहर के कारण सोमवार को भी स्कूल-काॅलेज बंद रखे गए हैं।
सीएए के विरोध में मेरठ के चार थाना क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जमकर हिंसा की थी। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। शुक्रवार को नमाज के बाद मेरठ में एक साथ आठ स्थानों लिसाड़ी गेट चैराहा, घंटाघर, भूमिया पुल, हापुड़ रोड, खत्ता रोड, तारापुरी और इस्लामाबाद पुलिस चौकी पर पथराव व फायरिंग की गई। उन्मादियों ने इस्लामाबाद पुलिस चौकी को आग लगा दी और वाहनों को फूंक दिया था। फायरिंग में व पथराव में खत्ता रोड पर जहीर पुत्र मुंशी, मोहसिन पुत्र अहसान, आसिफ पुत्र शाहिद, अलीम पुत्र हबीब और आसिफ पुत्र जग्गी की मौत हो गई। पुलिस ने 13 मुकदमे दर्ज करके 180 बवालियों को नामजद और पांच हजार अज्ञात को आरोपित बनाया है। पुलिस अभी तक 100 से ज्यादा लोगों की पहचान कर चुकी है।
आधी रात को चलाया इंटरनेट
प्रशासन ने तीन दिन तक इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के बाद रविवार की आधी रात को उन्हें बहाल कर दिया। इससे लोगों ने राहत की सांस ली। इंटरनेट के जरिए अफवाह फैलाने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन सेवाओं को बंद किया था। इसके साथ ही ब्राॅडबैंड सेवाएं भी पूरी तरह से ठप थी।
सोमवार को भी स्कूल-काॅलेज बंद
डीएम अनिल ढींगरा ने शीतलहर के कारण सोमवार को भी मेरठ में स्कूल-काॅलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है। इससे पहले पिछले सप्ताह शीतलहर चलने के कारण दो दिन स्कूल बंद रहे थे। बाद में माहौल बिगड़ने पर दो दिन फिर प्रशासन ने स्कूल-काॅलेज बंद किए थे। चौधरी चरण सिंह विवि की परीक्षाएं भी 30 दिसम्बर तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं।
पटरी पर लौटने लगी शहर की व्यवस्था
हिंसा और बवाल के बाद मेरठ शहर में शांति लौटने लगी है। शासन ने मेरठ में माहौल सामान्य बनाने के लिए मेरठ में एसएसपी रह चुके नितिन तिवारी और एसपी सिटी रह चुके रणविजय सिंह समेत कुछ तेजतर्रार पुलिस इंस्पेक्टरों को बुलाया। इन अधिकारियों को खत्ता रोड और हापुड़ रोड की जिम्मेदारी दी गई है। रविवार शाम को भी बाजार खुले। सोमवार सुबह से ही बाजार खुले हुए दिखाई दिए। सोमवार को साप्ताहिक अवकाश वाले क्षेत्रों में ही दुकानें बंद रहीं।