देश में 2024 तक हर तीसरे लोकसभा क्षेत्र में होगा मेडिकल कालेज: अमित शाह

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मोदी सरकार ने छह साल में हेल्थ सेक्टर को किया मजबूत



ऋषिकेश/देहरादून, 14 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज यहां कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने देश में हेल्थ सेक्टर को पिछले छह साल में बहुत मजबूत किया है। सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए लगातार काम कर रही है। देश में कुल 22 एम्स खोले हैं। सरकार की योजना है कि हर राज्य में एक एम्स खोला जाए। 2024 तक हर तीसरे लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कालेज होगा। भारत 2030 तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में शिक्षा, ढांचागत, मरीज को अल्प समय में अस्पताल पहुंचाने, दवाएं सुलभ कराने आदि सभी मामलों में शीर्ष पर होगा।

शाह शनिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयोजित दूसरे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने अपने सम्बोधन की शुरुआत बाबा केदारनाथ और बदरी विशाल को प्रणाम करने के साथ की। उन्होंने कहा कि आज यहां से ये युवा मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर समाज के बीच में जाएंगे। उन्हें शुभकामनाएं देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि आपके जीवन की यहां से अब नई शुरुआत होने जा रही है। जब आप अपने कार्यक्षेत्र में जाएं तो मरीज को आप तत्परता के साथ अपनी कार्यकुशलता और दक्षता के साथ उपचारित करें, क्योंकि वह आप जैसे डॉक्टरों में भगवान का रूप देखता है।

उन्होंने साथ में मौजूद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब वह 20-25 साल पहले डाक्टर बने होंगे या तीन दशक पहले जब आप डाक्टर बनते, तब आपको एक अलग प्रकार की स्थिति में जाना था। जब आप आज डाक्टर बनकर जा रहे हैं तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपके लिए एक विशिष्ट प्रकार का प्लेटफार्म बनाकर दिया है। उसका फायदा समाज को दीजिए। सिर्फ आप रोजगार के नजरिये से इसे न देखें। इस प्लेटफार्म के जरिये आप भारत को दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए मुकाम की ओर ले जाएं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में तीन दशक पहले देश की जो स्थिति थी, वह अब नहीं है।

अमित शाह ने कहा कि पिछले छह साल में 130 करोड़ देशवासियों के बीच नरेन्द्र मोदी ने सभी को स्वास्थ्य सुविधा सुनिश्चित करने की एक बेमिसाल यात्रा का शुरुआत की है। एक ऐसा वर्ग भी है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीता है। ऐसे में सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना कितना कठिन है। विश्व भर में भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में सर्वोच्च बने, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह सोच है। डाक्टरों के बिना किसी भी देश में स्वास्थ्य सेवाओं को आखिरी पायदान पर खड़े आदमी तक पहुंचाया नहीं जा सकता है। मैं बताना चाहता हूं कि आज देश में 157 मेडिकल कालेज खोलने की घोषणा हुई है। इन पर काम भी शुरू हो गया। यह ऋषिकेश का एम्स पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की देन है। उन्होंने छह एम्स बनाए थे। उत्तराखंड राज्य भी उन्हीं की देन है। मगर इन छह एम्स के साथ ही मोदी ने 16 और एम्स पर काम चालू कर दिया है। जब मैं एम्स की बात करता हूं तो सिर्फ अस्पताल की बात नहीं बल्कि यहां होने मेडिकल कालेज, अनुसंधान और रिसर्च पेपर्स की बात भी करता हूं। यहां से विश्व की अनेक अस्पतालों के साथ एमओयू हुए हैं, जिनके साथ यहां के छात्रों को टेक्नोलॉजी का अनुभव होता है। वीडियों कान्फ्रेंसिंग के जरिये दुनिया की अद्यतन टेक्नोलॉजी और चिकित्सा जगत की जानकारी यहां के छात्र और चिकित्सक हासिल कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर हर राज्य में एक एम्स बनता है तो मुझे भरोसा है कि आने वाले कुछ साल के अंदर भारत दुनिया में मेडिकल के क्षेत्र में सर्वाधिक रिसर्च पेपर फाइल करने वाला देश होगा। इस नजरिये से इसकी शुरुआत मोदी सरकार ने की। उन्होंने छह साल में 29 हजार एमबीबीएस की और 17000 पोस्ट ग्रेजुएट की सीटें बढ़ाईं। नीति आयोग अभी इस पर काम कर रहा है और उसे ढंग से लागू किया गया तो 10 हजार पोस्ट ग्रेजुएट सीटें और बढ़ जाएंगीं। उत्तराखंड के अल्मोड़ा, रुद्रपुर, पिथौरागढ़ और हरिद्वार में चार मेडिकल कालेज मोदी सरकार ने दिए हैं। एजुकेशन का इन्फ्रास्ट्रक्चर देने के पीछे गांव तक चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने का दृष्टिकोण है। देश में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है। यह मोदी सरकार की स्वर्णिम योजना है, जो गरीब को हार्ट अटैक और कैंसर आदि गंभीर रोगों के इलाज के लिए पांच लाख रुपये देती है। पहले गांव का किसान अपनी जमीन बेचकर इन रोगों का इलाज कराता था। उत्तराखंड, हिप्र जैसे राज्यों ने अटल स्वास्थ्य योजना के साथ इसका विस्तार किया है। 12.38 करोड़ ई-कार्ड अब तक जारी किए जा चुके हैं। अब तक ढाई साल में 91 लाख से ज्यादा मरीज इस योजना का लाभ उठाकर अपना आपरेशन करा चुके हैं।

शाह ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। एक करोड़ से ज्यादा परिवार इन 6200 केंद्रों से सस्ती दवाएं ले रहे हैं। कैंसर की जो दवा 6500 रुपये की मिलती है, वो वहां पर 750 रुपये की मिलती है। यह सुविधा 728 जिलों में पहुंच चुकी है। हार्ट के स्टंट बदलने से लेकर घुटना बदलने तक की कीमतों को रेगुलराइज करने का काम इस सरकार ने बखूबी किया है। संस्थागत डिलीवरी की सुविधा पर भी मोदी सरकार ने फोकस किया है। इससे मातृ एवं शिशु दर पर बहुत हद तक रोकथाम लगी है। इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को 69000 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है। देशवासियों को स्वस्थ रखने के लिए मोदी ने जिस पर जोर दिया है, उसमें योग, खेलो इंडिया और फिट इंडिया अपना कर लोग बीमारी से बच सकते हैं। मिशन इंद्र धनुष इसी का हिस्सा है। इसके बावजूद अगर बीमारी हो तो इतनी बड़ी संख्या में मेडिकल कालेज और एम्स खोलने का काम चल रहा है, ताकि सबको अच्छा इलाज मिल सके। हम 2024 तक हर तीसरे लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कालेज खोलने का काम कर रहे हैं। इन सभी अस्पतालों में डाक्टर उपलब्ध हों, उसके मद्देनजर ही एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ाई गई हैं। जितने कम समय और विपरीत हालत में मोदी सरकार ने देश में चिकित्सा क्षेत्र को समृद्ध और सबके लिए सुलभ किया है, दुनिया का कोई भी देश नहीं कर सका। भारत 2030 तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में शिक्षा, ढांचागत, मरीज को अल्प समय में अस्पताल पहुंचाने, दवाएं सुलभ कराने आदि सभी मामलों में शीर्ष पर होगा। यह मुझे पूर्ण विश्वास है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने छात्र-छात्राओं से कहा कि आज जब आप डॉक्टर बनकर जा रहे हैं, इस वक्त मैं आपको कहना चाहता हूं कि बड़े पद पर बैठने का नहीं बल्कि बड़ा व्यक्ति बनने का विचार लेकर यहां से जाइए। बड़े व्यक्ति को हमेशा दूसरे के लिए जीना पड़ता है। आज भी मुझ जैसे मरीज को डॉक्टर भगवान का रूप ही लगता है। गरीब व्यक्ति जब मरीज के रूप में आपके सामने आता है और तब आप में सेवा और संवेदना का भाव होगा तो आपके लिए एक अच्छा डाक्टर बनना आसान होगा। इस मामले में उन्होंने स्वामी विवेकानंद के एक कथ्य की की मिसाल दी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए जो योजना आम आदमी के लिए बनाई है, उस पर आपको अमल करना है और देशवासियों को स्वस्थ बनाना है। भारत 130 करोड़ लोगों की महान परंपरा वाला देश है, जिसके लिए विश्व में दूसरा स्थान नहीं, बल्कि सर्वोच्च स्थान बना है। इस देश को नरेंद्र मोदी के रूप में ऐसा बेटा मिला है, जो देश को विश्व के शिखर तक पहुंचाने की काबिलियत रखता है।

इस मौके पर समारोह के अध्यक्ष केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मेडिकल की उपाधि प्राप्त करने वाले युवा आज के बाद एक नई जिम्मेदारी की शुरुआत कर रहे हैं। उन्हें लोगों के दुख-दर्द दूर करने व समाज की सेवा का व्रत लेना होगा। चिकित्सक का व्यवसाय मानवता से जुड़ा है। इसलिए समाज को इनसे बड़ी उम्मीदें रहती हैं। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निंशक’ ने कहा कि एम्स ऋषिकेश के दीक्षांत समारोह का यह ऐतिहासिक अवसर है। एम्स ऋषिकेश प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना की बेहतरीन मिसाल है। एम्स ऋषिकेश ने आयुष्मान भारत योजना से अपने को जोड़ा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, नगर निगम महापौर अनिता ममगाई, एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत, संस्थान के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी, डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता और डीन प्लानिंग लतिका मोहन आदि उपस्थित रहे।

252 विद्यार्थियों को मिलीं डिग्री:

समारोह में मुख्य अतिथि गृहमंत्री शाह ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 13 छात्र-छात्राओं को पदक देकर सम्मानित किया। समारोह में 252 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें एमबीबीएस (2013 बैच) के 73, 2014 बैच के 92, एमडीएमएस के 14, बीएससी नर्सिंग के 57 व एमएससी नर्सिग के 16 विद्यार्थी शामिल हैं।

 


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