महाराष्ट्र : राज्यपाल के कार्यक्रम में मीडिया पर प्रतिबंध

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राज्य में निचले स्तर पर पहुंची राजनीति



नागपुर, 16 सितंबर (हि.स.)। नागपुर विश्वविद्यालय में बुधवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मौजूदगी में रक्षा संबंधी पाठ्यक्रम केंन्द्र का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने मीडिया के कार्यक्रम कवर करने पर प्रतिबंध लगाया था। विश्वविद्यालय के हलकों में ऐसी पुरजोर चर्चा है कि राजनीतिक दबाव के चलते प्रबंधन को यह फैसला लेना पड़ा।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में बुधवार को रक्षा पाठ्यक्रम केन्द्र का उद्घाटन किया। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को इस कार्यक्रम के कवरेज से प्रतिबंधित कर दिया गया। बतौर विश्वविद्यालय प्रबंधन, कोरोना प्रोटोकॉल के चलते मीडिया को प्रवेश नहीं दिया गया। लेकिन, विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने निजी बातचीत में बताया कि राजनीतिक दबाव के चलते राज्यपाल के कार्यक्रम में मीडिया को बैन किया गया।

स्वागत में अनुपस्थित रहे नेता

राज्य में कहीं भी राज्यपाल का दौरा हो तो स्थानीय जनप्रतिनिधि उनके अभिवादन के लिए जाते हैं। परंपरा के अनुसार नागपुर में स्थानीय विधायक और मंत्री का उपस्थित रहना अपेक्षित था। लेकिन बुधवार को नागपुर एयरपोर्ट पर सत्तारूढ़ दल का एक भी नेता राज्यपाल के स्वागत के लिए नहीं पहुंचा। केवल नागपुर के मेयर दयाशंकर तिवारी और प्रशासन के अधिकारी प्रोटोकॉल के चलते एयरपोर्ट पर मौजूद रहे।

राज्यपाल कार्यालय भी हैरान

राज्यपाल के कार्यक्रम में मीडिया को क्यों रोका गया, इस सवाल पर शुरू में विश्वविद्यालय प्रशासन चुप था। राज्यपाल के कार्यालय के अधिकारी भी कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को नहीं पाकर हैरान रह गए। इस संबंध में राज्यपाल कार्यालय से संपर्क करने पर राज्यपाल कार्यालय के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि हमारे द्वारा मीडिया पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। वहीं, कार्यक्रम में मीडिया की गैरमौजूदगी पर राज्यपाल कार्यालय ने भी हैरानी जाहिर की।

कोरोना के चलते लगाई रोकः विवि प्रशासन

मीडिया प्रतिबंध को लेकर राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि, कार्यक्रम से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया था कि राज्यपाल के कार्यक्रम में सिर्फ 50 लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही कार्यक्रम में शिरकत करने वालों की सूची पुलिस ने मांगी थी। बतौर जनसंपर्क अधिकारी कोरोना प्रोटोकॉल की सख्ती के चलते विश्वविद्यालय प्रबंधन मीडियाकर्मियों को कार्यक्रम में शिरकत करने की अनुमति नहीं दे पाया।

दबाव की राजनीति

मीडिया बैन को लेकर विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने अलग ही कहानी बताई। बतौर प्रोफेसर विश्वविद्यालय मीडिया पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहता लेकिन दबाव में आकर ऐसा फैसला लेना पड़ा। विश्वविद्यालय राज्यपाल के कार्यक्रम को मीडिया में ऑनलाइन प्रसारित करने में सक्षम था। उन्होंने चौंकाने वाला खुलासा किया कि राजनीतिक दबाव के कारण विश्वविद्यालय दबाव में आ गया और मीडिया को राज्यपाल के कार्यक्रम से दूर रखा।


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