नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (हि.स.)। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान में हिन्दू सहित विभिन्न अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न आज भी जारी है जबकि बांग्लादेश और अफगानिस्तान में ऐसी स्थिति नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को प्रेसवार्ता में कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान और मुजाहिदिन के हुकुमत के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हुआ था। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए उपाय किए गए हैं जबकि इसके पहले की सरकारों के दौरान उत्पीड़न का सिलसिला जारी था।
प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की स्थिति इन दोनों देशों से अलग है जहां उत्पीड़न का सिलसिला आज भी जारी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की यह अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी है कि वह अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करे।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ हुई वार्ता के दौरान नागरिकता संशोधन कानून का मुद्दा नहीं उठा हालांकि विदेश मंत्री ने अमेरिकी नेताओं के सामने इस संबंध में भारतीय पक्ष रखा।
प्रवक्ता ने अमेरिका और कुछ पश्चिमी संस्थाओं द्वारा नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना के संबंध में कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद के अंदर और बाहर इस कानून के बारे में विस्तार से बता चुके हैं। यह कानून धर्म आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करता बल्कि धार्मिक प्रतारड़ना के शिकार लोगों को राहत पहुंचाने का सकारात्मक प्रयास है।
प्रवक्ता ने कहा कि विश्व समुदाय यह भली भांति समझता है कि यह कानून बनाने का क्या आधार और औचित्य है।