मायावती ने विधानसभा चुनाव 2022 के लिए चुनावी फोल्डर किया जारी

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लखनऊ, 23 नवम्बर(हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को पत्रकारवार्ता में विधानसभा चुनाव 2022 के लिए चुनावी फोल्डर जारी किया। मायावती ने कहा कि बसपा दूसरी पार्टियों की तरह घोषणा पत्र जारी नहीं करती है।

लखनऊ में बसपा के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि बसपा के चुनावी फोल्डर में मेरे चार बार के कार्यकाल में किये गये मुख्य कार्यो का वर्णन किया गया है। बसपा दूसरी पार्टियों की तरह घोषणा पत्र जारी नहीं करती है। बसपा कहने पर नहीं, करने पर विश्वास करती है। फोल्डर में गरीब, मजदूर, गरीब लोग, महिलाएं, बुजुर्ग या सभी लोगों का ध्यान रखा गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि यूपी में बसपा की चार बार की सरकार के नेतृत्व में महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। जिन्हें चुनाव में बताने के लिए फोल्डर तैयार किया गया है। जिसे जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया जायेगा। यूपी में 403 विधानसभा तक यह फोल्डर गांव गांव तक पहुंचाया जायेगा। पहले सपा थी और अभी भाजपा है, वो मेरे ही किये कार्य को अपना बताते रहे हैं।

मायावती ने कहा कि यूपी में 86 सीटें रिजर्व के लिए हैं। उनके विधानसभा अध्यक्षों को बुलाया है। जो कैडर और कमेटी के सुरक्षित सीटों पर कार्य कर रहे हैं, उनकी जानकारी करने के लिए बुलाया है। बसपा के प्रदेश कार्यालय पर अति महत्वपूर्ण बैठक बुलायी गयी है, इसमें विशेष रुप से पोलिंग बूथ की कमेटियों को बढ़ाने के लिए गहन समीक्षा की जायेगी।

उन्होंने बैठक के बारे में कहा कि सभी सुरक्षित विधानसभा सीटें जीताने के लिए ठोस रणनीति पर विचार विमर्श होगा। सभी सुरक्षित सीटों पर सवर्ण विशेष रुप से ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए रणनीति के लिए सतीश चंद्र मिश्रा के साथ भी बैठक की जायेगी। सन 2007 की तरह सुरक्षित सीटों पर अच्छा निर्णय लाया जायेगा। बसपा कहने में कम और कार्य कर के दिखाने में ज्यादा विश्वास रखती है।

उन्होंने कहा कि 75 जिलों में मेरे गाइडलाइन के मुताबिक पदाधिकारी लग गये हैं। पश्चिमी यूपी की चार मंडलों की जो 21 अक्टूबर से काम दिया गया था, उनकी विधानसभा की कमेटी और सेक्टर स्तर की कमेटी काम कर रही है या नहीं, उसको भी देखा गया है। 09 अक्टूबर में बड़ी संख्या में लोग आये, वो चुनाव प्रचार ही था। मैंने किसानों के विषय पर तीन बार ट्वीट किया है, किसान संगठनों के साथ सरकार को बैठकर उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए। केन्द्र सरकार से अपील है, इसे ज्यादा लटकाना नहीं चाहिए।


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