लखनऊ, 02 जुलाई (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के शासन में ओबीसी की उन 17 जातियों की ज्यादा दुर्दशा होने वाली है जिन्हें गैर-कानूनी ही नहीं बल्कि असंवैधानिक तौर पर ओबीसी वर्ग से निकाल कर एससी वर्ग में शामिल करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि अब ये लोग हर प्रकार के आरक्षण से वंचित हो जायेंगे, जैसा कि पहले भी इनके साथ सपा सरकार में धोखा करने का प्रयास राजनीतिक लाभ उठाने की गर्ज से किया गया था।
मायावती मंगलवार को माल एवेन्यू स्थित कार्यालय पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश व बुन्देलखंड क्षेत्र के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभिन्न राज्यों द्वारा जिस प्रकार से आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाया जा रहा है, उससे अब यह मांग हर तरफ जोर पकड़नी स्वभाविक व जायज भी है कि एससी व ओबीसी वर्गों का कोटा उनकी आबादी के अनुपात में बढ़ाया जाए, क्योंकि संविधान की असली मंशा जातिवाद से पीड़ित इन्हीं वर्गों के लोगों को आरक्षण के माध्यम से समाज व देश की मुख्यधारा में लाने की रही है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वास्तव में भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण दिये जाने के साथ-साथ महाराष्ट्र में मराठा समाज को ओबीसी के तहत आरक्षण दिये जाने के सम्बन्ध में आनन-फानन में त्वरित कार्रवाई की है। अगर थोड़ी भी दिलचस्पी एससी, एसटी, ओबीसी वर्गों के लम्बित पड़े आरक्षित पदों को भरने आदि में ली गई होती तो इन उपेक्षित वर्गों के लोगों का भी भला हो गया होता। उन्होंने कहा कि हकीकत में आरक्षण के असली हकदार शोषित व कमजोर वर्गों के लोग पहले की तरह ही अभी भी उपेक्षा का शिकार बने हुये हैं।
गांव-गांव में सर्वसमाज के बीच जाकर दु:ख दर्द बांटे कार्यकर्ता
बसपा अध्यक्ष ने बैठक में कहा कि पार्टी कार्यकर्ता गांव-गांव में सर्वसमाज के बीच जायें और उनका दुःख-दर्द बांटने का हर सम्भव प्रयास करें क्योंकि भाजपा की सरकार में आम जनता का काफी ज्यादा बुरा हाल है व उनका जीवन काफी त्रस्त है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में ध्वस्त अपराध-नियंत्रण व बदतर कानून-व्यवस्था का शिकार केवल गरीब जनता ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोग भी हैं। व्यापारी, वकील, महिला वर्ग सुरक्षित नहीं है। सरकारी कर्मचारी व पुलिस तक भी सुरक्षित नहीं बचे हैं।
अपराधियों के दिल में कानून का डर नहीं
मायावती ने कहा कि महिला अत्याचार, दलित उत्पीड़न, राजनीतिक हत्याएं व मुस्लिम समाज पर अन्याय-अत्याचार व हत्या आदि तो अब आम बात हो गई है। अपराधियों के दिल से कानून का डर निकल चुका है, क्योंकि ऐसे लोगों को हर प्रकार का सरकारी संरक्षण प्राप्त है। स्थिति काफी दुःखद व भयावह है, जिसका डटकर मुकाबला करके आगे बढ़ने का प्रयास करना है।