तीन हजार लोग थाईलैंड भागे,सेना के हवाई हमले म्यांमार के केरन प्रांत में सशस्त्र समूह पर
यांगून, 29 मार्च (हि.स.)। म्यांमार में लोकतांत्रिक सरकार के तख्ता पलट के बाद लागू सैन्य शासन के खिलाफ लोगों को विरोध प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा, प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे रहे। जबकि एक दिन पहले शनिवार को सेना ने प्रदर्शनकारियों के ऊपर गोलियां बरसाईं थी जिसमें 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है।
शनिवार पिछले महीने हुए तख्तापलट के बाद सबसे अधिक रक्तपात वाला दिन रहा। ऑनलाइन समाचार वेबसाइट ‘म्यांमा नाउ’ ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शनिवार को सेना की कार्रवाई में 114 लोग मारे गए। मृतकों में कई लोगों की आयु 16 साल से कम थी। इससे पहले 14 मार्च को सेना की कार्रवाई में 74 से 90 लोगों की मौत हुई थी।
तख्तापलट के बाद से 420 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों पर यह कार्रवाई ऐसे समय हुई जब म्यांमा की सेना ने देश की राजधानी नेपीता में परेड के साथ वार्षिक सशस्त्र बल दिवस का अवकाश मनाया। इन हत्याओं को लेकर म्यांमार की सेना की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह बच्चों समेत आम नागरिकों की हत्या से स्तब्ध हैं। उन्होंने ट्वीट किया ‘जारी सैन्य कार्रवाई अस्वीकार्य है और इसके खिलाफ कड़ी, एकजुट होकर और कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।’ अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि म्यांमार की सेना ने दिखाया है कि वह कुछ लोगों के लिए आमजन का जीवन छीन लेगी।
बारह देशों के रक्षा प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि एक पेशेवर सेना आचरण के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है और लोगों को नुकसान पहुंचाने की बजाय उनकी रक्षा करती है। हम म्यांमार सशस्त्र बल से अपील करते हैं कि वह हिंसा बंद करे और लोगों में अपना सम्मान एवं विश्वसनीयता फिर से कायम करने के लिए काम करे, जो उसने अपने इन कृत्यों से गंवा दी है। यह बयान ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, यूनान, इटली, जापान, डेनमार्क, हॉलैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के रक्षा प्रमुखों ने जारी किया।