पटना, 09 दिसम्बर(हि.स.)। भारत में म्यांमार से नार्थ-ईस्ट और बिहार के रास्ते सोने की तस्करी बढ़ गई है। इस अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट में देश के साथ ही विदेश के गिरोह शामिल हैं। तस्करी का सोना दुबई से नेपाल, बांग्लादेश और म्यंमार होते हुए भारत पहुंच रहा है और वहां से असम एवं बिहार के रास्ते दिल्ली, मुंबई भेजा जा रहा है। दरअसल, भारत से म्यांमार के पांच किलोमीटर अंदर जाने पर कोई रोक-टोक नहीं है। सिर्फ पहचान पत्र होना चाहिए। इसे दिखाकर कोई भी म्यंमार के अंदर जा सकता है। वहां से खरीदारी कर लोग आराम से वापस आ जाते हैं इसीलिए हाल के वर्षों में म्यांमार तस्करों की पसंदीदा जगह बन गयी है और सोना तस्कर इसी का फायदा उठाते हैं।
डायरेक्टरेट ऑफ रेवन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने पटना में एक सप्ताह के अंदर विदेशी सोने की तीन खेप पकड़ी है। इस दौरान चार करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य के करीब पौने आठ किलोग्राम सोना बरामद किये गये। दिलचस्प है कि पकड़े गए तस्कर महाराष्ट्र के हैं। सूत्रों के मुताबिक सोने की दो खेप गुवाहाटी और इंफाल से तस्करों को मिली थी। वहीं, एक खेप में बरामद सोना तस्कर ने खुद भारत-म्यांमार के मोरे बॉर्डर पर अंदर जाकर लिया था। बाकी खेप में बरामद सोना भी म्यांमार के मोरे बॉर्डर से ही भारत लाया गया था। हाल के दिनों में डीआरआई की कार्रवाई के बाद तस्करों के सिंडिकेट में खलबली मची है। राजधानी पटना के कई ऐसे आभूषण कारोबारी हैं, जो मुनाफे के चक्कर में करोड़ों रुपये का अवैध सोना गला कर अपनी दुकानें चमका रहे हैं।
आरपीएफ की मानें तो स्वर्ण तस्करों की पहली पसंद डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस है। पिछले दो वर्षों में इस ट्रेन से नौ बार स्वर्ण तस्कर पकड़े गए हैं। तस्करों की दूसरी पसंदीदा ट्रेन नार्थ ईस्ट है। इस ट्रेन से भी अब तक तीन बार सोना तस्कर पकड़े जा चुके हैं। तस्करों के लिए तीसरे नंबर की पसंदीदा ट्रेन सीमांचल एक्सप्रेस है। इस ट्रेन में तस्करों को एक बार ट्रेन बदलना पड़ता है जिसके कारण कम ही यात्रा करना चाहते हैं। चौथे नंबर की पसंदीदा ट्रेन है ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस। यह ट्रेन भागलपुर के रास्ते घूमकर आती है जिसके कारण हाल के दिनों में कम आने लगे हैं। पाटलिपुत्र स्टेशन पर अधिक नजर होने के कारण अब अधिकांश तस्करों ने ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस, त्रिपुर सुंदरी एक्सप्रेस और अरुणाचल राजधानी एक्सप्रेस से भी आवाजाही शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो अब स्वर्ण तस्कर हाजीपुर से पाटलिपुत्र स्टेशन न आकर सीधे छपरा होकर जाने वाली ट्रेनों को अधिक प्राथमिकता देने लगे हैं।
दिसम्बर में अब तक तीन बार पकड़ा गया सोना, महिला समेत पांच गिरफ्तार
दिसम्बर का मात्र नौ दिन बीता है। इस दौरान अब तक तीन बार में करोड़ों का सोना पकड़ा गया। साथ ही एक महिला समेत पांच तस्करों की गिरफ्तारी हुई। डीआरआई ने पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन से एक महिला सहित दो लोगों के पास से करीब 76 लाख रुपये का सोना जब्त किया। मुंबई निवासी महिला अफरोज अमीरुल्लाह और शमद को गिरफ्तार किया। म्यांमार से तस्करी कर इस सोने को गुवाहाटी लाया गया था जिसे दिल्ली होते हुए मुंबई पहुंचाना था। इसके बाद पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन पर डीआरआई ने डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस से तीन दिसम्बर की देर रात पाटलिपुत्र स्टेशन पर डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस से दो किलो सोना बरामद किया। साथ ही दो तस्कर भी पकड़े गए। दोनों के पास सोने के 6-6 बिस्किट थे। बरामद सोने की कीमत 1.1 करोड़ आंकी गई है। गिरफ्तार तस्करों में सुनील लोन और रवि चुंग शामिल हैं। दोनों महाराष्ट्र के रहनेवाले हैं। इसके अलावा डीआरआई की टीम ने पटना जंक्शन पर डिब्रूगढ़-दिल्ली स्पेशल ट्रेन में छापेमारी कर तस्करों के पास से सोने के 26 बिस्किट बरामद किए। साथ ही एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया। सोने के बिस्किट का वजन 4 किलोग्राम 316 ग्राम था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद किए गए सोने की कीमत 2 करोड़ 25 लाख से भी अधिक बताई गई। यह सोना भी म्यांमार से लाया जा रहा था। इसी दौरान टीम ने एक तस्कर को गिरफ्तार भी किया है।
अक्टूबर 2020 : पटना जंक्शन से सुरक्षा अधिकारियों ने आठ करोड़ रुपये से भी अधिक मूल्य के सोने के साथ एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था। सोने के अलावा दो लाख 30 हजार रुपये नकद भी बरामद किये गये थे।
सितंबर 2020 : कस्टम विभाग ने पटना एयरपोर्ट पर सोना तस्कर मोहम्मद रिजवान को पकड़ा था। उसके पास से 300 ग्राम सोना बरामद किया गया। बरामद आधार कार्ड भी फर्जी निकला। सोना पटना में ही सप्लाई करना था।
जुलाई 2020 : मुजफ्फरपुर कस्टम टीम की मदद से राजधानी पटना के मीठापुर बस स्टैंड से दो तस्करों के पास से चार किलोग्राम सोने का बिस्कुट जब्त किया गया था। इसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपये है। दोनों तस्कर गुवाहाटी के रहने वाले हैं। सोने के बिस्कुट म्यांमार से तस्करी कर लाई गई थी।