इमरान खान इस्तीफा नहीं देते हैं तो देश में अव्यवस्था फैलेगी : फजलुर्रहमान

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जेयूआई(एफ) प्रमुख ने कहा – इस सरकार को अब जाना ही होगा



इस्लामाबाद, 02 नवम्बर (हि.स.) । जमीअत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर्रहमान ने सरकार विरोधी ‘आजादी मार्च’ को शुक्रवार को इस्लामाबाद में संबोधित किया। उन्होंने पाकिस्तान की इमरान सरकार पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन, अक्षमता और कुप्रशासन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यदि इमरान खान प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो देश में अव्यवस्था फैलेगी। उन्होंने इमरान को दो दिन की मोहलत देते हुए कहा कि पाकिस्तान पर शासन करने का अधिकार जनता का है, किसी संस्था का पाकिस्तान पर कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं। जनता का फैसला आ चुका है। अब इस सरकार को जाना ही होगा।
इस्लामाबाद में मौलाना फजलुर्रहमान से पहले आजादी मार्च को पीएमएल-एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने भी संबोधित किया। मौलाना फजलुर्रहमान ने कहा, “पाकिस्तान पर शासन करने का अधिकार जनता का है, किसी संस्था का पाकिस्तान पर स्वयं को थोपने होने का कोई अधिकार नहीं है। आप देश के कोने-कोने से लंबी यात्रा करते हुए यहां पहुंचे हैं। आप जिस जोश और प्रतिबद्धता के साथ आए हैं, मैं उसे सलाम करता हूं। इस समय हमारी सभा में सभी राजनीतिक दलों के नेता मौजूद हैं। मैं उनका स्वागत करत हूं और उन सभी राजनीतिक दलों की आपसी एकजुटता का निर्णय वास्तव में एक राष्ट्रीय एकजुटता का प्रदर्शन है, जिसने हमारी मांगों को किसी एक पार्टी या एक संगठन की मांग नहीं बल्कि इससे एक राष्ट्रीय मांग के में रूप ढाल दिया है।”
उन्होंने कहा कि मीडिया से प्रतिबंध उठा लें वरना हम भी किसी बंधन में बाध्य नहीं होंगे। यह हमारी शांतिपूर्ण क्षमताओं का प्रदर्शन है। हम शांतिपूर्ण लोग हैं इसलिए हम चाहते हैं कि शांति के दायरे में रहें अन्यथा इस्लामाबाद के अंदर पाकिस्तान की जनता का यह सैलाब इस बात की ताकत रखता है कि प्रधानमंत्री के घर अंदर जाकर प्रधानमंत्री को खुद गिरफ्तार कर लें।
उनका कहना था कि जनता का फैसला आ चुका है। अब इस सरकार को जाना ही होगा, लेकिन मैं संस्थाओं के साथ बात करना चाहता हूं। हमारी नपी-तुली नीति है कि हम संस्थानों के साथ टकराव नहीं चाहते। हम पाकिस्तान की संस्थाओं की स्थिरता चाहते हैं। हम संस्थाओं को शक्तिशाली देखना चाहते हैं, लेकिन हम संस्थाओं को निरपेक्ष भी देखना चाहते हैं।
फजलुर्रहमान ने सरकार को संबोधित करते हुए कहा कि इस पीड़ा से अगर लोगों को निकालना है तो दो दिन की मोहलत है आप के पास। आप इस्तीफा दे दें अन्यथा फिर अगले दिन हमें इससे आगे निर्णय करने हैं। किसी के साथ कोई कमिटमेंट नहीं है। हम जिस शांतिपूर्ण तरीके से आए हैं, उसका सम्मान किया जाए।
उल्लेखनीय है कि इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर आजादी मार्च गुरुवार को इस्लामाबाद पहुंचा। इसकी अगुवाई पाकिस्तान के सबसे बड़े धार्मिक गुट जमीअत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के प्रमुख फजलुर्रहमान कर रहे हैं।फजलुर्रहमान की अगुवाई में पाकिस्तान के कराची समेत सभी बड़े शहरों से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च की शुरुआत हुई, जिसका पिछले पांच दिनों में पाकिस्तान में बड़ा असर देखने को मिला है।
इमरान खान को पाकिस्तान में सत्तारूढ़ हुए सिर्फ 14 महीने हुए हैं और उनको सत्ता से हटाने के लिए पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों के साथ आमजनता सड़कों पर उतर आई है। बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई ने पाकिस्तानी जनता को सड़क पर ला खड़ा किया है। इस मार्च में कई विपक्षी पार्टियां हिस्सा ले रही हैं। इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल पार्टी शामिल हैं। इनकी मांग है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अपना इस्तीफा दें क्योंकि वह इस पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं।

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