नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। भुगतान सेवाएं मुहैया कराने वाली प्रमुख कंपनी मास्टरकार्ड ने टीम कैशलेस इंडिया कार्यक्रम को बुधवार शुरू किया। दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल तथा मास्टरकार्ड के दक्षिण पूर्व एशिया के सह-अध्यक्ष अरी सरकार ने लॉन्च किया।
मास्टकार्ड ने यह कार्यक्रम मोदी सरकार की डिजिटल भुगतान की स्वीकार्यता बढ़ाने और इसे अपनाने में तेजी लाने के मकसद से की है। मास्टरकार्ड का टीम कैशलेस अभियान व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में मास्टरकार्ड और कैट द्वारा एक साथ चलाया जाएगा।
इस अवसर पर कैट और मास्टरकार्ड दोनों की पहल की सराहना करते हुए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने देश के सभी प्रमुख संगठनों और कॉरपोरेट्स को सुझाव दिया कि वे कैट जैसे संगठन के साथ डिजिटल भुगतान समाधान में भागीदार बने। गोयल ने कैशलेस व्यवस्था को बढ़ाने के लिए डिजिटल भुगतान में तेजी लाने और विकास के लिए एक सहयोगी के तौर पर काम करने की भी सलाह दी।
गोयल ने कहा कि व्यापारियों को शिक्षित करने और जागरूक करने और उन्हें अपने मौजूदा व्यवसाय प्रारूप में डिजिटल भुगतानों को अपनाने और उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि डिजिटल भुगतान का अंतिम लाभ व्यापारियों पर निहित है। दरअसल यह उपभोक्ताओं के लिए एकमात्र कनेक्टिंग प्वाइंट है।
इस मौके पर एम एस धोनी ने कहा कि एक सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए देश में हर पैसे के खर्च का विवरण होना जरूरी है। धोनी ने कहा कि देश में दुकानों के डिजिटलीकरण से व्यापारियों की साख बढ़ेगी और बदले में वे एक आसान तरीके से अधिक औपचारिक वित्त प्राप्त करने के पात्र होंगे। उन्होंने कहा कि वह खुद को अभियान के साथ जोड़कर खुश हैं और इसके लिए वो लगातार प्रयत्नशील रहेंगे।
इस अवसर पर कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन को पूरा करने के लिए कैट ने मास्टरकार्ड के साथ मिलकर साल 2014 में एक डिजिटल भुगतान अभियान शुरू किया। इसके लिए देशभर में करीब 300 सम्मेलनों का आयोजन किया, जिसके परिणामस्वरूप डिजिटल भुगतान में लगभग 35 फीसदी व्यापारी शामिल हुए। खंडेलवाल ने कहा कि भुगतान परिदृश्य के तर्ज पर टीम कैशलेस इंडिया अभियान चलाएंगे और मार्च, 2020 तक 50 लाख व्यापारियों द्वारा डिजिटल भुगतान को अपनाने और स्वीकार करने का जो लक्ष्य रखा है, उसे हासिल करने का प्रयास करेंगे।