मणिपुर में शहीद विप्लव त्रिपाठी, पत्नी और बेटे के साथ पंचतत्व में विलीन

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रायगढ़, 15 नवंबर (हि.स.)। मणिपुर के उग्रवादी हमले में शहीद हुए असम राइफल्स की 46वीं बटालियन के कमांडिंग आफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और पुत्र सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार छत्तीसगढ़ के राजगढ़ में किया गया। शहीद त्रिपाठी के छोटे भाई अनय त्रिपाठी ने चिता को मुखाग्नि दी।

रायगढ़ के रामलीला मैदान से शहीद की अंतिम यात्रा सर्किट हाउस स्थित मुक्तिधाम की ओर रवाना हुई। इसके साथ ही विप्लव त्रिपाठी अमर रहे के नारों से पूरा शहर गुंजायमान हो उठा। हिंदू परम्परा के अनुसार महिलाएं अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट नहीं जाती हैं, लेकिन आज इस परंपरा को तोड़ते हुए हजारों महिलाएं मुक्तिधाम पहुंचीं और शहीद विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी एवं पुत्र के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं।

शहीद त्रिपाठी के छोटे भाई अनय त्रिपाठी भी सेना में कार्यरत हैं। देशप्रेम का जज़्बा त्रिपाठी परिवार में आजादी के पूर्व से ही रहा है। शहीद विप्लव त्रिपाठी के दादा सांसद थे और संविधान सभा के सदस्य थे। शहीद त्रिपाठी के पिता सुभाष त्रिपाठी रायगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार हैं।

अंतिम संस्कार के समय छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा मंत्री, रायगढ़ जिले के सभी विधायक, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। भारत माता की जय के नारों के साथ जनता का हुजूम अपने शहर के बेटे को श्रद्धांजलि दे रहा था।

सेना के विशेष विमान से शहीद विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और बेटे का पार्थिव शरीर रायपुर से रायगढ़ लाया गया। इस दौरान जिंदल एयरपोर्ट से शहीद त्रिपाठी के घर तक लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इसके बाद अंतिम दर्शन के लिए शहीद त्रिपाठी का पार्थिव शरीर रामलीला मैदान में कुछ समय तक रखा गया, जहां से मुक्तिधाम ले जाया गया।


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