शहीद कर्नल आशुतोष को नम आंखों से विदाई, पंचतत्व में विलीन

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जयपुर, 05 मई (हि.स.)। हंदवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हुए कर्नल आशुतोष शर्मा को मंगलवार सुबह अजमेर रोड स्थित पुरानी चुंगी मोक्षधाम में अंतिम विदाई दी गई। पाकिस्तान मुर्दाबाद, शहीद आशुतोष अमर रहे और जय जवान जय किसान सरीखे नारों के बीच शहीद आशुतोष का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। शहीद के भाई पीयूष शर्मा तथा उनकी पत्नी पल्लवी ने शहीद को मुखाग्नि दी।
जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा की याद में मंगलवार सुबह हर किसी की आंखें नम हो गईं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुबह 9.15 बजे शहीद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आशुतोष शर्मा की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया। उन्होंने कहा कि कर्नल आशुतोष शर्मा के बलिदान को देश याद रखेगा। उन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी है। हम सबके लिए फक्र की बात है। आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है और आतंकवाद को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान सेना के तमाम अधिकारी 61 कैवेलरी के ग्राउंड में मौजूद रहे। सेना के 61 कैवलरी पोलो ग्राउंड पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सेना की सप्‍त शक्ति कमान के कमांडर लेेफ्टिनेंट जनरल आलोक कलेर समेत सैनिक कल्याण मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, मंत्री लालचंद कटारिया, पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सेना के अधिकारियों और उनके मित्रों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना के अफसरों की ओर से शहीद को श्रद्धाजंलि अर्पित करने के बाद शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा को आखिरी सलामी दी गई। पोलो ग्राउंड पर शहीद के परिजनों की मौजूदगी में बैंड वादन के साथ सेना की यूनिट ने शस्त्र उल्टा कर उन्हें सैन्य सम्मान दिया गया। इस दौरान पत्नी पल्लवी, अन्य परिजन व सेना के आला अधिकारी मौजूद रहे। शहीद आशुतोष को अंतिम विदाई देते समय शहीद की मां तथा पत्नी पल्लवी और बेटी तमन्‍ना ने जीवटता का परिचय दिया।
इससे पूर्व शहीद की पार्थिव देह सोमवार को जयपुर पहुंची थी। एयरपोर्ट से पार्थिव देह को आर्मी अस्पताल ले जाया गया। पहले सोमवार को ही शहीद का अंतिम संस्कार करने का कार्यक्रम था लेकिन कश्मीर में मौसम खराब होने की वजह से पार्थिव देह शाम तक जयपुर पहुंची। ऐसे में अंतिम संस्कार को एक दिन आगे के लिए टाल दिया गया। दर्शनों के लिए आर्मी कैंपस में शहीद की पार्थिव देह रखी गई। जयपुर का लाडला शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा हंदवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया था। कर्नल आशुतोष मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के निवासी थे लेकिन गत 15 वर्षों से जयपुर के वैशाली नगर में रह रहे थे।
तिरंगे को सीने से लगाए रही पत्नी
शहीद की अंतिम विदाई के लिए पार्थिव देह पर रखे गए तिरंगे को अंत्येष्टि के समय सैन्य अधिकारी ने उतारकर उनकी पत्नी को सौंपा तो उन्होंने उसे सीने से लगा दिया। तिरंगा थामे उनकी पत्नी पूरे अंतिम संस्कार के दौरान अपने गम को गर्व के साथ छिपाती रही। मुखाग्नि देने से पहले तक उन्होंने तिरंगे को अपने सीने से ऐसे लगाए रखा, मानो भारत मां की एक वीर बेटी आंखों से अश्रु को बहने से रोककर चट्टान से मजबूत इरादे प्रकट कर रही हो।

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