बेगूसराय, 03 सितम्बर (हि.स.)। अब चुनाव आयोग कभी भी विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बजा सकता है। चुनाव की प्रशासनिक तैयारियां काफी तेजी से हो गई है तो दावेदार भी टिकट के लिए घमासान तेज कर चुके हैं। सभी दलों के संभावित प्रत्याशी अपने प्रदेश कार्यालय में बायोडाटा जमा कर रहे हैं। बेगूसराय में क्षेत्रों की शुरुआत 141 चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र से होती है। यह वही क्षेत्र है जहां के विधायक रहते हुए कृषि मंत्री रामजीवन सिंह ने चारा घोटाले को उजागर किया था। चेरिया बरियारपुर, खोदावंदपुर और छौड़ाही प्रखंड को मिलाकर बनाए गए चेरिया बरियारपुर से अभी मंजू वर्मा विधायक हैं। उन्होंने पिछला जदयू के टिकट पर लड़ा था, इस बार उन्हें टिकट मिलना मुश्किल है। इस बार यहां जदयू नए जातीय समीकरण से प्रत्याशी उतार सकती है।
2018 में चर्चित हुए मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में पति चन्द्रशेखर वर्मा का नाम सामने आने के बाद मंजू वर्मा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बालिका गृह कांड की जांच कर रही सीबीआई ने जब मंजू वर्मा के बेगूसराय स्थित ससुराल अर्जुन टोल श्रीपुर में छापा मारा तो एसएलआर जैसे प्रतिबंधित हथियारों की 50 गोलियां मिली। जदयू ने मंजू वर्मा को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया और अभी भी मंजू वर्मा पार्टी निलंबित हैं। निलंबन के बाद पार्टी के राज्य या जिला स्तरीय किसी भी कार्यक्रम में उन्हें नहीं बुलाया गया है। पार्टी क्या निर्णय लेगी यह कहना अभी मुश्किल है। लेकिन तीन दिन पहले उन्होंने बकायदा प्रेस वार्ता बुलाकर कहा कि वह चेरिया बरियारपुर से जदयू की प्रत्याशी होगी। प्रेस वार्ता में जदयू के चार प्रखंड अध्यक्ष भी शामिल हुए।
जदयू जिलाध्यक्ष भूमिपाल राय ने बताया कि मंजू वर्मा जदयू से निलंबित है। प्रेस वार्ता में शामिल होने वाले चारों प्रखंड अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। अगर स्पष्टीकरण से अगर पार्टी संतुष्ट नहीं होगी तो चारों प्रखंड अध्यक्ष पर कार्रवाई होगी। फिलहाल चेरिया बरियारपुर चुनावी समीकरण पर गौर करें तो यहां सबसे अधिक करीब 25 हजार कुशवाहा वोटर और इतने ही भूमिहार वोटर हैं। इस क्षेत्र में भी मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच होगा तथा दोनों गठबंधन के घटक दलों में उम्मीदवारों की लंबी कतार है। जदयू कोटे से इस सीट के लिए दावेदारों में वरिष्ठ नेता पंकज कुमार सिंह, अंजना कुमारी, दिलीप कुमार कुशवाहा, व्यापार मंडल अध्यक्ष अवनीश कुमार वर्मा, विकास कुशवाहा प्रबल दावेदार हैं। भाजपा के कुंंदन भारती, रामकुमार वर्मा एवं अशोक महतों तैयारी कर रहे हैं। लोजपा के हिस्से में यह सीट जाती है तो पूर्व विधायक अनिल चौधरी पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं।
महागठबंधन में राजद से जिला महासचिव रामसखा महतों, धर्मेंद्र कुमार कुशवाहा, कुमारी सावित्री, डॉ. राजीव नयन, संजय कुमार सुमन, सतीश कुमार कुशवाहा, पूर्व प्रमुख जनार्दन पासवान दावेदारी कर रहे हैं। जिसमें से क्षेत्रफल पर सबसे अच्छी पकड़ और लोगों की पसंद रामसखा महतों उभर कर सामने आए हैं। पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (जाप) के डॉ. एस. कुमार (सुमित कुमार) यहां अपने संगठन को, अपने समर्थकों को इतना मजबूत कर चुके हैं कि वह किसी भी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं। रालोसपा से डॉ. संजू प्रिया, सुदर्शन सिंह, अरविंद कुमार महतों एवं रामप्रवेश महतों टिकट के रेस में लगे हुए हैं। वीआईपी पार्टी डॉ. राज भूषण चौधरी को यहां से लड़ाना चाहती है। अरविंद केजरीवाल कि आप भी बिहार विधानसभा चुनाव में जोरदार दस्तक देने की तैयारी में है तथा गणेश दत्त चेरिया बरियारपुर क्षेत्र में जोरदार मेहनत कर रहे हैं। फिलहाल गठबंधनों के सीट बंटवारा के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा यहां ऊंट किस करवट बैठने वाली है।