बेगूसराय, 30जून (हि.स.)। सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए आर्म्स एक्ट के मामले में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह चेरिया वरियारपुर की वर्तमान विधायक मंजू वर्मा एवं उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पर सोमवार को आरोप पत्र गठित किया जाएगा। मंजू वर्मा हाई कोर्ट से मिले जमानत पर बाहर चल रही हैं। जबकि उनके पति चन्द्रशेखर वर्मा आत्मसमर्पण करने के बाद से ही बेगूसराय जेल में हैं।
मंजू वर्मा ने आर्म्स एक्ट में आरोप गठित नहीं करने को लेकर कई बिंदुओं के साथ न्यायालय में गुहार लगाई है। लेकिन आरोप के समर्थन में पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण डिस्चार्ज आवेदन खारिज करते हुए एमपी एवं एमएलए के मामलों के निष्पादन के लिए गठित विशेष कोर्ट के न्यायाधीश दीपक भटनागर ने एक जुलाई को आरोप गठित करने की तारीख तय कर दी है।
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम दुष्कर्म कांड में पति चन्द्रशेखर वर्मा का नाम सामने आने के बाद विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने पर आठ अगस्त को मंजू वर्मा को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद मुजफ्फरपुर कांड की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने 17 अगस्त 2018 को मंजू वर्मा के आधे दर्जन से अधिक विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इसमें मंजू वर्मा के ससुराल बेगूसराय के अर्जुन टोल श्रीपुर स्थित आवास पर की गई छापेमारी में सीबीआई को घर से महत्वपूर्ण कागजात के साथ एक बक्सा से इंसास एवं एसएलआर समेत अन्य अत्याधुनिक हथियारों की 50 गोली मिली थीं।
बड़ी मात्रा में और अतिप्रतिबंधित हथियारों गोली को देखकर चौकी सीबीआई टीमाें ने तत्काल कई स्तर पर जांच-पड़ताल किया। सीबीआई डीएसपी उमेश प्रसाद ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उसके पति चंद्रशेखर वर्मा के विरुद्ध आर्म्स एक्ट के तहत चेरिया वरियारपुर थाना में मामला दर्ज कराया था। गोली के मामले में कहा गया था कि यह सुरक्षा में लगे जवानों की हैं, लेकिन जांच में पाया गया कि ये प्रतिनियुक्त पुलिस बलों को आवंटित गोलियां नहीं है।
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा तो वहां से मिली कड़ी फटकार के बाद मंजू वर्मा को भी आत्मसमर्पण कर जेल जाना पड़ा था। उनके पति पहले ही जेल जा चुके थे। आत्मसमर्पण के बाद पटना उच्च न्यायालय से जमानत पर मंजू वर्मा जेल रिहा हुईं तथा अपने को निर्दोष बताते हुए डिस्चार्ज आवेदन दाखिल कर न्यायालय से गुहार लगाई थी।