भगवान श्रीराम पर अनर्गल प्रलाप से बाज आएं मांझी: कामेश्वर चौपाल
पटना, 24 सितंबर (हि.स.)। भगवान श्री राम पर जीतनराम मांझी की टिप्पणी से आहत विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पटना कार्यालय में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के स्थाई सदस्य सह पूर्व विधान पार्षद कामेश्वर चौपाल ने कहा कि मांझी ने क्षुद्र राजनैतिक हित साधने के लिए ना सिर्फ रामभक्तों का बल्कि, देश के संविधान, सर्वोच्च न्यायालय, हिन्दू समाज व भगवान वाल्मीकि का भी घोर अपमान किया है।
कामेश्वर चौपाल ने शुक्रवार को यहां कहा कि ऐसे अनर्गल प्रलाप से पूर्व उन्हें कम से कम भारत के संविधान के प्रथम पृष्ठ पर छपे राम दरबार, राम जन्मभूमि के सम्बंध में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय, वाल्मीकि रामायण तथा बिहार, झारखंड के वनवासी समाज की आस्था का तो ध्यान रखा होता।
पटना में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए चौपाल ने कहा कि आज कल कुछ लोग स्वयं को दलित समुदाय के मसीहा बताने की जुगत में हैं लेकिन समुदाय पर जब इस्लामिक जिहादियों व कपटी चर्च के हमले होते हैं तब इनके मुंह में दही जम जाती है? उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री को जुबान खोलने से पूर्व कम से कम यह तो सोचना चाहिए था कि वो भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के साथी वनवासी-गिरिवासी बंधु-भगिनियों के साथ महर्षि वाल्मीकि, माता सबरी, भक्तराज निषाद, रामराज्य की कल्पना करने वाले महात्मा गांधी, समाजवाद के अग्रदूत राममनोहर लोहिया का भी घोर अपमान कर रहे हैं।
कामेश्वर ने कहा कि मांझी ने उन करोड़ों राम भक्तों का भी अपमान किया है जिन्होंने इसी वर्ष श्रद्धा व समर्पण भाव से राम जन्मभूमि मंदिर के लिए समर्पण राशि समर्पित की। उन्होंने कहा कि मांझी को अबिलम्ब अपने इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए अन्यथा हिन्दू समाज व विश्व भर के रामभक्त इस अपमान को सहन नहीं करेंगे।