बागी नेताओं पर ममता का प्रहार

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कहा दस सालों तक सत्ता की मलाई खाकर ढूंढ रहे नया ठिकाना



कोलकाता, 15 दिसम्बर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने  कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी व पार्टी के  अन्य बागी नेताओं   पर मंगलवार को  पहली बार निशाना साधा। उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक सभा को संबोधित करते हुए सीएम ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि 10 सालों तक सरकार में रहकर मलाई खाते रहे और अब जब चुनाव सामने हैं तो इससे उससे बात कर रहे हैं। दरअसल मंगलवार को पता चला है कि शुभेंदु अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के संपर्क में हैं और 17 तारीख को दिल्ली जा रहे हैं। 18 दिसंबर को वह दिल्ली स्थित भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता लेंगे और 19 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कोलकाता लौटकर पूर्व मेदिनीपुर की जनसभा में भाजपा नेता के रूप में हिस्सा लेंगे। इस बीच उत्तर बंगाल दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री ने जलपाईगुड़ी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 10 सालों तक सरकार में शामिल थे और अब जब चुनाव करीब है तो इससे उससे मिल रहे हैं। यह मैं बर्दाश्त नहीं करूंगी।

आईपीएस अधिकारियों के मामले पर भी केंद्र पर बोला हमला –
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा में तैनात रहने वाले तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने को लेकर भी ममता ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि केंद्र को संवैधानिक अधिकार नहीं है फिर भी राज्य के अधिकारियों को बुला रहे हैं। उन्होंने नड्डा के काफिले पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि आखिर काफिले में 50 गाड़ियां क्यों थीं? उन्होंने आरोप लगाया कि जेपी नड्डा के काफिले में जेल से छूटकर बाहर निकले अपराधी भी शामिल थे। दरअसल इस मामले में बंगाल पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसमें भाजपा नेता राकेश सिंह को भी नामजद किया गया है। राकेश पर 49 आपराधिक मामले दर्ज हैं। जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को एक बार फिर जायज ठहराते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के लोग भाजपा नेताओं को देख कर चिढ़ जाते हैं।
केन्द्र को दी राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती –
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र की भाजपा सरकार को पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती दी। दरअसल दो दिन पहले ही कैलाश विजयवर्गीय ने मांग की है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अभी से ही केंद्रीय बलों की तैनाती हो जानी चाहिए। इसे लेकर चुनौती देते हुए ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाकर दिखाएं। मैं आंदोलन से निकल कर आई हूं, मुझे कोई डर नहीं है।

 


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