कोलकाता, 07 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में भाजपा की शानदार बढ़त के बाद राज्यभर में जय श्री राम को लेकर बवाल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस नारे के जवाब में जय हिंद और जय बांग्ला का स्लोगन दिया है। अब ममता बनर्जी के इस नए नारे को लेकर भी हंगामा बरपा हुआ है। बड़े पैमाने पर लोग सोशल साइट पर दावा कर रहे हैं कि जय बांग्ला का नारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अपना नारा नहीं है बल्कि 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजादी दिलाने के लिए मुजीबुर रहमान ने यह नारा दिया था। अनगिनत संख्या में यूजर्स फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म पर इसे लेकर तमाम तरह के पोस्ट लिख रहे हैं।
इसमें कई लोगों ने विकिपीडिया और अन्य जरिए से इसके प्रमाण भी साझा किया है। लोगों ने लिखा है कि जय बांग्ला का नारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुराया है। यह नारा पूरी तरह से बांग्लादेश से संबंधित है। उल्लेखनीय है कि जब धार्मिक आधार पर देश का बंटवारा हुआ तब पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान नाम से दो स्वतंत्र राष्ट्रों का भी गठन हुआ था लेकिन बाद में पूर्वी पाकिस्तान ने राष्ट्रीय भाषा के रूप में उर्दू को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और बांग्ला भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए आंदोलन तेज हुआ था। तब पाकिस्तान की सेना ने इस आंदोलन को दबाने के लिए सशस्त्र अत्याचार शुरू कर दिया था जिसके खिलाफ तत्कालीन प्रधानमंत्री और वर्तमान में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता मुजीबुर रहमान में बांग्ला देशवासियों को एकजुट करने के लिए जय बांग्ला का नारा दिया था। इसका व्यापक असर भी हुआ था और बड़ी संख्या में लोग उनके आंदोलन का हिस्सा बन गए थे। बाद में भारतीय सेना की मदद से 1971 में पूर्वी पाकिस्तान आजाद हुआ था और उसका नाम बांग्लादेश दिया गया था। वहां की राष्ट्रीय भाषा भी जय बांग्ला के स्लोगन के अनुसार बांग्ला कर दिया गया था।
अब ममता बनर्जी ने भाजपा से मुकाबले के लिए इस नारे का इस्तेमाल किया है तो कई लोग इसे बांग्लादेश से जोड़ रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा है कि ममता बनर्जी का मकसद पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाना है और इसीलिए मुजिबुर रहमान की राह पर चल पड़ी हैंं। हालांकि इस मामले पर तृणमूल की ओर से अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है। गौर करने वाली बात यह है कि इसके पहले रायगंज से पूर्व माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने भी इसी तरह का ट्वीट किया था। उन्होंने भी दावा किया था कि ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की आजादी के लिए इस्तेमाल किए गए नारे को अपने राजनीतिक लाभ के लिए चुरा लिया है।