नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (हि.स.)। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच सोमवार को रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की कि अगले माह होने वाले मालाबार-2020 के नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया भी शामिल होगा। इसके अलावा इसमें भारत, जापान और अमेरिका शामिल होंगे। ऑस्ट्रेलिया ने इस अभ्यास में शामिल होने के लिए तीन साल से अधिक समय बाद अनुरोध किया था।
आधिकारिक सूत्र के अनुसार यह अभ्यास नवम्बर के अंत में आयोजित किया जाना है और अभ्यास के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए योजना सम्मेलन को लगभग अक्टूबर के अंत में आयोजित किया जाना है। यह अभ्यास औपचारिक रूप से क्वाड समूह के चार देशों की सेनाओं को एक साथ लाएगा। भारत से मालाबार-2020 के नौसैनिक अभ्यास में शामिल होने के लिए आमंत्रित किये जाने पर कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री मारिस पायने ने कहा कि यह अभ्यास भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की क्षमता को बढ़ावा देगा ताकि हमारे साथ शांति और स्थिरता कायम रहे।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री लिंडा रेनॉल्ड्स ने कहा, “मालाबार जैसे उच्च-अंत सैन्य अभ्यास ऑस्ट्रेलिया की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने, हमारे करीबी सहयोगियों के साथ अंतर-निर्माण करने और एक खुले और समृद्ध भारत-प्रशांत का समर्थन करने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं”। उन्होंने कहा कि चार प्रमुख इंडो-पैसिफिक लोकतंत्रों और उनकी ‘साझा इच्छा’ के बीच ‘गहरे विश्वास’ को सामान्य सुरक्षा हितों पर एक साथ काम करने के लिए यह फैसला लिया गया है।
मालाबार नौसैन्य अभ्यास वर्ष 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच शुरू हुआ था। इस नौसेना अभ्यास में जापान पहली बार 2015 में शामिल हुआ था। यह वार्षिक नौसैन्य अभ्यास वर्ष 2018 में फिलीपीन सागर में गुआम तट पर आयोजित किया गया। साल 2019 में जापान तट पर हुआ और अब इस इस वर्ष के अंत तक बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आयोजित होने की उम्मीद है।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि भारत समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा क्षेत्र में सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इस बार मालाबार नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना भी शामिल होगी। इस वर्ष अभ्यास को कोरोना महामारी को देखते हुए ‘समुद्र में-संपर्क रहित’ (नॉन कॉन्टेक्ट एट सी) प्रारूप पर योजनाबद्ध किया गया है। यह अभ्यास शामिल होने वाले देशों की नौसेनाओं के बीच समन्वय तथा सहयोग को और अधिक मजबूत करेगा। मालाबार नौसैनिक अभ्यास 2020 में हिस्सा लेने वाले देश समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और संरक्षा बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।देश सामूहिक रूप से स्वतंत्र, खुले और समावेशी भारतीय प्रशांत सागर क्षेत्र का समर्थन करते हैं तथा एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय सीमा व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध हैं।