मजबूत कड़ी बनेगा ‘मैत्री सेतु’ मित्रता और व्यापार की : पीएम मोदी

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नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ दोनों देशों के बीच ‘मैत्री सेतु’ का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संपर्क सुविधायें न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच मित्रता को मजबूत कर रही हैं, बल्कि व्यापार की एक मजबूत कड़ी भी साबित हो रही है।

इससे जुड़े कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र को पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के बीच एक व्यापार गलियारे के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि हाल के वर्षों में महसूस की गई रेल और जल संपर्क परियोजनाएं इस पुल से मजबूत हुई हैं। यह बांग्लादेश और दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ-साथ त्रिपुरा, दक्षिण असम, मिजोरम व मणिपुर की कनेक्टिविटी में भी सुधार लाएगा।

मोदी ने कहा कि पुल बांग्लादेश में आर्थिक अवसर पैदा करेगा। प्रधानमंत्री ने पुल परियोजना के पूरा होने में सहयोग के लिए बांग्लादेश सरकार और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पुल की आधारशिला उनकी बांग्लादेश यात्रा के दौरान रखी गई थी।

मोदी ने कहा कि अब लोगों को पूर्वोत्तर के लिए किसी भी तरह की आपूर्ति को लेकर केवल सड़क पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नदी से एक वैकल्पिक मार्ग के माध्यम से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह को पूर्वोत्तर से जोड़ने का प्रयास चल रहा है। उन्होंने कहा कि सबरूम आईसीसी गोदामों और कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट सुविधाओं के साथ एक पूर्ण लॉजिस्टिक हब की तरह काम करेगा।

इस अवसर पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि संपर्क सुविधा के विकास से दक्षिण एशिया में एक नए युग का निर्माण होगा। उन्हें लगता है कि मैत्री सेतु न केवल दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ायेगा, बल्कि व्यापार और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में अंतर-क्षेत्रीय व्यापार क्षमता से बेहद कम है।

शेख हसीना ने उम्मीद जताई कि आज किए गए उद्घाटन से बांग्लादेश को न केवल भारत के साथ, बल्कि नेपाल और भूटान के साथ व्यापार करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि फेनी ‘मैत्री सेतु’ से त्रिपुरा और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के आसपास के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में काफी सुधार होने की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि यह पुल बांग्लादेश के नागरिकों की आजीविका में सुधार लाने में भी योगदान देगा।

हसीना ने कहा कि भारत के साथ मिलकर विकसित की जा रही सीमा पार परिवहन प्रणाली से बांग्लादेश दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच संपर्क का केन्द्र बनेगा। साथ ही क्षेत्रीय व्यापार और वाणिज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।

आगे उन्होंने कहा कि मैत्री सेतु का उदघाटन ऐसे अवसर पर हो रहा है, जब बांग्लादेश राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी और दोनों देशों के बीच संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने से जुड़ा उत्सव मना रहा है।

क्या है मैत्री सेतु

‘मैत्री सेतु’ पुल फेनी नदी पर बनाया गया है। यह नदी त्रिपुरा और बांग्लादेश में भारतीय सीमा के बीच बहती है। ‘मैत्री सेतु’ नाम भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते द्विपक्षीय और मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक है।

इस पुल का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड ने 133 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। 1.9 किलोमीटर लंबा पुल भारत के सबरूम को बांग्लादेश के रामगढ़ से जोड़ता है। यह भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही में एक नया अग्रदूत बनने के लिए तैयार है।

इस पुल के उद्घाटन के साथ, त्रिपुरा ‘गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट’ बन गया है, क्योंकि सबरूम से चटगांव की दूरी मात्र 80 किलोमीटर है।

 


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