टीएमसी सांसद महुआ मैत्र के संसद में दिए पहले भाषण पर उठे सवाल

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर की टीएमसी सांसद 44 वर्षीय महुआ मैत्र ने भी हिस्सा लिया था। उन्होंने धर्म के आधार पर भेदभाव एवं तानाशाही का आरोप लगाते हुए अंग्रेजी में शानदार भाषण दिया था।



कोलकाता, 03 जुलाई (हि.स.)। सत्रहवीं लोकसभा का प्रथम सत्र चल रहा है। सभी नवनिर्वाचित सदस्य सांसद पद की शपथ ले चुके हैं। यहां तक कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पारित भी हो चुका है।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर की टीएमसी सांसद 44 वर्षीय महुआ मैत्र ने भी हिस्सा लिया था। उन्होंने धर्म के आधार पर भेदभाव एवं तानाशाही का आरोप लगाते हुए अंग्रेजी में शानदार भाषण दिया था। उनकी भाषा शैली, शब्दों का चयन और मुद्दा आधारित बातों को सुनकर पूरा संसद स्तब्ध था। पहली बार सांसद बनने के बावजूद जिस आत्मविश्वास एवं शानदार तरीके से उन्होंने अपनी बात रखी थी उसकी जोरदार प्रशंसा हुई थी। पर, अब उनके पहले भाषण पर ही सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने यह भाषण किसी दूसरे के लेख को कॉपी करके दिया था। वह भी किसी भारतीय का नहीं बल्कि अमेरिकी का।
दरअसल, अमेरिका में जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने थे तब उनके खिलाफ वहां के कई लेखकों ने आलोचनात्मक लेख लिखे थे। उन पर अल्पसंख्यक समुदाय को दबाने, मीडिया को नियंत्रित करने और अराजक माहौल तैयार करने का आरोप लगाते हुए ऐसा ही एक लेख बेमालूम नाम के एक लेखक ने लिखा था। उन्होंने 12 बिंदुओं में ट्रंप पर आरोप लगाए थे। अब टीएमसी सांसद महुआ मैत्र ने संसद में अपना जो पहला भाषण दिया है वह उसी लेख की नकल है। उन्होंने 12 की जगह छह बिंदुओं पर अपना भाषण दिया और उसी लेख के छह बिंदुओं को कॉपी करके संसद में पढ़ दिया था। यानी उन्होंने अपने कोई विचार नहीं व्यक्त किए थे। महुआ मैत्र ने उस लेख में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम हटाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम जोड़ दिया था। इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया के लिए हिन्दुस्थान समाचार ने जब उनसे संपर्क किया तो उन्होंने फोन काट दिया। यहां तक कि मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया है।

 


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