मध्‍य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का गठन मंगलवार को, कैबिनेट में शामिल होंगे सिंधिया समर्थक

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मुख्यमंत्री बनने के बाद अकेले 29 दिन सरकार चलाकर लड़ी कोरोना से जंग 



भोपाल, 21 अप्रैल (हि.स.)। मध्‍यप्रदेश में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लॉकडाउन में फंसी कैबिनेट के मंगलवार को गठित होने के आसार हैं। इसे वक्‍त की मजबूरी कहिए या विपक्ष का दबाव कि उन्‍हें कोरोना वायरस से देशभर में चल रही जंग के बीच प्रदेश में सरकार चलाने के लिए अपने कुछ विश्‍वसनीय साथियों का साथ चाहिए ताकि प्रशासनिक व्‍यवस्‍था आसान हो सके।
दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते प्रदेश में उपजे हालातों को संभालने के लिए फिलहाल शिवराज सिंह को ही अकेले जूझना पड़ रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही मंत्रिमंडल का गठन लॉकडाउन में फंस गया। इसलिए सूत्र बता रहे हैं कि सरकार की इस समस्या का समाधान करने के लिए मंगलवार को संक्षिप्त कैबिनेट का गठन किया जा सकता है। मंत्रिमंडल बनने के साथ ही यह भी पहली बार होगा कि इस छोटे से मंत्रिमंडल में हाल ही में भाजपा में आए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थक भी मंत्री पद की शपथ लेते हुए दिखाई दे सकते हैं। फिलहाल फार्मूला 03 और 05 का सेट किए जाने की जानकारी मिली है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि शिवराज मंत्रिमंडल का पहला गठन छोटा रहने की संभावना है, जिसमें अधिकतम आठ मंत्री होंगे। सभी को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। इसके लिए कांग्रेस से भाजपा में आए वरिष्‍ठ नेता ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थकों के साथ मंत्रिमंडल जो फार्मूला निकाला गया है, वह 03-04 या 03-05 का रहेगा। फिलहाल अधिकतम 08 लोगों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। कोरोना वायरस के संक्रमण से हालात सामान्य होने के बाद कैबिनेट का बड़ा विस्‍तार किया जाएगा।
उल्‍लेखनीय है कि मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी बार सीएम की कुर्सी संभालने के साथ ही पहले ऐसे व्‍यक्‍ति हैं, जो प्रदेश में इस कुर्सी पर 04 बार बैठे हैं। इसके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्‍पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ के ठीक 25वें दिन कैबिनेट का गठन किया कर लिया था। इस राज्‍य में ही फिर मुख्यमंत्री कुमार स्वामी दूसरे नेता थे जिन्‍होंने 14 दिन बाद अपना मंत्रिमंडल बनाया था लेकिन शिवराज सिंह चौहान ने इन दोनों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ते हुए अकेले ही 29 दिन तक कोरोना से जंग लड़ी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने न केवल कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रतिदिन 11 लैब में 2000 टेस्ट करने का फैसला. लिया, बल्‍कि कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित किए गए जिला आपदा प्रबंधन समूह को स्‍थानीय आवश्‍यकता के हिसाब से निर्णय लेने की छूट दी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कलेक्टर अपनी क्षमता से अपने जिलों में संक्रमण रोकें। क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में भोजन की अच्छी व्यवस्था कराई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने की व्‍यवस्‍था की गई है। कोरोना के संकट के बीच भी प्रदेश में इस वर्ष रबी उपार्जन में सोमवार तक एक लाख 10 हजार 699 किसानों से तीन लाख 8 हजार 394 मीट्रिक टन गेहूंं की खरीदी की जा चुकी है। प्रदेश के 15 लाख किसानों को फसल बीमा की कुल 2990 करोड़ की बीमा राशि अगले सप्ताह तक देने की योजना है।
इसी तरह से मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किराना आदि आवश्यक वस्तुओं की जनता को आपूर्ति के लिए छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि किसी को भी कोविड-19 के संक्रमण के भय के बीच घरों में रहने पर कोई परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण से अछूते ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे इस बात की जानकारी दें कि कितने रोजगार दिवस सृजित किए जा सकते हैं, जिससे संक्रमण मुक्त क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर मजदूरों को रोजगार दिया जा सके।
कुल मिलाकर 29 दिनों तक अकेले सरकार चलाना भी शिवराज के लिए एक रिकॉर्ड बनाने जा रहा है।

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