देवी दुर्गा की तृतीय शक्ति, शांति स्वरूपा ‘मां चंद्रघंटा’ जी के चरणों में कोटिश: प्रणाम।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां चंद्रघंटा संसार में न्याय व अनुशासन स्थापित करती हैं। मां चंद्रघंटा देवी पार्वती का विवाहित रूप हैं। शिव जी से विवाह करने के बाद मां ने अपने मस्तक पर अर्धचंद्र सजाना शुरू कर दिया था, इसीलिए मां पार्वती को मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। मां का यह रूप बहुत ही सौम्य है, जो साधकों को साहस, धैर्य, और शक्ति प्रदान करता है।
मां चंद्रघंटा की पूजा से साधक में साहस, वीरता और आत्मविश्वास का संचार होता है। साथ ही, उनके आशीर्वाद से व्यक्ति के जीवन में शांति और मानसिक स्थिरता आती है। माता रानी आप सभी के जीवन से समस्त कष्टों का हरण कर आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की अमृतवर्षा करते हुए आपकी समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करे, ऐसी मां से कामना करता हूं।