नई दिल्ली, 25 नवम्बर (हि.स.)। लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) का 28 नवम्बर को सिंगापुर के डीबीएस बैंक की भारतीय इकाई में विलय हो जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा डीबीएस बैंक में एलवीबी के विलय प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद आरबीआई ने बुधवार को दोनों बैंकों के विलय को प्रभावी बनाने का ऐलान कर दिया। जावड़ेकर ने कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि इस फैसले से बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं और 4 हजार कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
गौरतलब है कि जमाकर्ताओं के खातों से अधिकतम 25 हजार रुपये की रकम निकालने की जो लिमिट तय की गई थी, उसे भी हटा लिया है। इससे पहले 17 नवम्बर को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए मोरेटोरियम लगा दिया था। ये पहला मौका है जब देश में मुश्किल में फंसे किसी बैंक को डूबने से बचाने के लिए विदेशी बैंक की मदद ली जा रही है।
उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक ने कंपनी कानून 2013 के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस में मर्जर की योजना का मसौदा भी सार्वजनिक किया था। आरबीआई ने एलवीबी के बोर्ड को भंग कर केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी. एन. मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था।