नई दिल्ली, 30 नवम्बर (हि.स.)। डीबीएस बैंक इंडिया ने सोमवार को कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) के ग्राहक सभी तरह की बैंकिंग सुविधाओं का लाभ उठाना जारी रख सकते हैं। डीबीएस ने कहा कि सेविंग्स एवं फिक्स्ड डिपोजिट पर ब्याज दर में फिलहाल किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। ज्ञात हो कि संकट में फंसे लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया में विलय कर दिया गया है।
डीबीएस ने जारी एक बयान में कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी डीबीएस बैंक इंडिया में विलय हो गया है। सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंकिंग नियमन कानून, 1949 की धारा 45 में विशेष अधिकारों के तहत एलवीबी का डीबीएस बैंक इंडिया में विलय किया है, जो 27 नवम्बर से प्रभावी हो गया है।
गौरतलब है कि इस विलय से एलवीबी के जमाकर्ताओं, ग्राहकों और कर्मचारियों को अनिश्चितता के दौर से राहत मिली है। वहीं, लक्ष्मी विलास बैंक पर लगी रोक भी 27 नवम्बर से हट गई है। इसके साथ ही सभी शाखाओं, डिजिटल माध्यमों और एटीएम का परिचालन भी सामान्य हो गया है। डीबीएस ने कहा कि एलवीबी के ग्राहकों को सभी बैंकिंग सेवाएं जारी रहेंगी। बैंक ने साफ किया कि ग्राहकों को अगले नोटिस तक बचत खातों और एफडी पर वही ब्याज मिलेगा, जो पूर्ववर्ती लक्ष्मी विलास बैंक द्वारा दिया जा रहा था।
बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एलवीबी के सभी कर्मचारी अब डीबीएस बैंक इंडिया के कर्मचारी होंगे। उनके लिए सेवा शर्तें वहीं रहेंगी, जो लक्ष्मी विलास बैंक में लागू थीं। सिंगापुर स्थित डीबीएस समूह की भारतीय इकाई ने कहा है कि वह लक्ष्मी विलास बैंक की प्रणाली और नेटवर्क के डीबीएस के साथ एकीकरण के लिए एलवीबी के सहयोगियों के साथ काम कर रही है। ये एकीकरण अगले कुछ महीने में पूरा हो जाएगा। डीबीएस बैंक इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुरजीत शोम ने कहा कि ‘एलवीबी के विलय से उसके ग्राहकों और कर्मचारियों को स्थिरता मिलेगी। इससे हमारे ग्राहकों की संख्या भी बढ़ेगी। साथ ही उन शहरों में भी हमें पहुंच उपलब्ध होगी, जहां अभी हमारी मौजूदगी नहीं है।