नई दिल्ली, 11 मई (हि.स.)। केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं लेकिन अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। सोमवार को आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कुछ राज्यों में कोरोना के मामले इसलिए बढ़ रहे हैं क्योंकि वहां एक क्लस्टर में मामले बढ़े हैं। सभी पाए गए पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। कुछ क्लस्टर में कोरोना के तेजी से फैलने को कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत भी दिनों-दिन बढ़ रहा है, यह एक अच्छे संकेत हैं। मौजूदा समय में कोरोना के मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत 31.5 प्रतिशत हो गया है।
नई डिस्चार्ज नीति के तहत ठीक होने वाले मरीजों का नहीं होगा टेस्ट
लव अग्रवाल ने बताया कि मंत्रालय ने संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी बनाई है जिसके तहत अब ठीक हो चुके कोरोना के मरीजों का दोबारा से टेस्ट नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर के अब तक के अध्ययन के मुताबिक कोरोना के मरीजों की रिपोर्ट 10 दिनों के बाद निगेटिव हो जाती है। ऐसे में उनके टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं रहती लेकिन गंभीर मामलों में ऐसा किया जाता है। उन्होंने बताया कि दूसरे देशों में भी ऐसी नीति अपनाई जा रही है।
सेंट्रलाइज्ड ऐसी का कर सकते हैं इस्तेमाल
ट्रेन में सेंट्रलाइज्ड एसी के इस्तेमाल पर पूछे गए सवाल पर लव अग्रवाल ने कहा कि सेंट्रलाइज्ड एसी का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन सावधानी बरती जानी चाहिए। कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और मास्क लगाना जरूरी है।