बंगाल में पसरता “लव जिहाद” का जाल
कोलकाता, 29 अक्टूबर (हि.स.)। अन्य संप्रदायों की लड़कियों को प्रेम जाल में फांस कर उनका धर्म परिवर्तन करवाने के कट्टरपंथी इस्लामी साजिश का जाल “लव जिहाद” पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। बांग्लादेश, नेपाल और भूटान की सीमा से सटे होने की वजह से पश्चिम बंगाल में लव जिहाद के मामले सबसे अधिक सामने आते हैं। यहां मुस्लिम युवक नाम बदलकर राहुल, सोनू , राज, सनी आदि बन जाते हैं और हाथों में कलावा पहनकर, तिलक लगाकर मंदिरों और हिंदू मोहल्लों का चक्कर काटते हैं ताकि लड़कियों को जाल में फंसाया जा सके। महंगे गिफ्ट, फिल्मी हीरो की तर्ज पर दिल लुभावन बातें, महंगे होटलों में घुमाकर फंसाना और अंत में निकाह के नाम पर धर्म परिवर्तन का यह खेल वैसे तो पूरे भारत के इस्लामीकरण “गजवा ए हिंद” की सोची समझी साजिश के तहत चल रहा है, लेकिन बंगाल में इसकी जड़ें काफी गहरी हैं।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य भर से हर महीने कम से कम ढेरों ऐसे मामले सामने आते हैं जहां हिंदू लड़कियों को फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है और बाद में उनसे बच्चे पैदा करने के बाद उन्हें रास्ते से हटाकर दूसरा निकाह कर लिया जाता है। हरियाणा में मेधावी हिंदू बेटी निकिता की कत्ल की घटना के बाद पूरे देश में इसके खिलाफ रोष है।
बंगाल में कितना है लव जिहाद का असर
बंगाल में लव जिहाद के फंदे से लडकियों को बचाने के लिए काम करने वाले संगठन “सिंह वाहिनी” के संस्थापक देवदत्त मांझी ने हिंदुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में बताया कि उनके पास हर महीने कम से कम 200 से 250 ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें बालिग अथवा नाबालिग हिंदू लड़कियों को बरगला कर मुस्लिम युवा ले जाते हैं और धर्म परिवर्तन कराते हैं। उन्होंने बताया कि उनका संगठन पूरे बंगाल में काम करता है और हर महीने कम से कम 10 से 15 ऐसी लड़कियों को जरूर इस्लामिक कट्टरपंथियों के चंगुल से छुड़ाते हैं जो प्यार के नाम पर इस्लामिक साजिश में फंस गई होती हैं। देवदत्त ने बताया कि अधिकतर मामलों में मां-बाप लड़कियों को स्वीकार करना नहीं चाहते अथवा समाज उन्हें स्वीकार नहीं करता। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रशासन का भी बहुत अधिक सहयोग नहीं मिलता है।
विहिप ने चलाया है बचाव अभियान –
इस बारे में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने “हिन्दुस्थान समाचार” से विशेष बातचीत में बताया कि लव जिहाद शब्द अपने आप में इसकी साजिश को बताता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में जहां प्यार है वहां जिहाद नहीं होता। दरअसल यह ब्रिटेन में “इस्लामिक सेक्स गैंग” के नाम से जाना जाता है। इसका एक ही मकसद है हिंदू लड़कियों को फंसाकर एक तरफ हिंदू आबादी को कम करना है दूसरी तरफ मुस्लिम आबादी को बढ़ाना। इसमें फंसने वाली लड़कियों का अंजाम दो ही होता है। या तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है या खुद ही मजबूर लड़कियों को खुदकुशी करनी पड़ती है।
विशेष तौर पर बंगाल का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मालदा, मुर्शिदाबाद और अन्य सीमावर्ती जिलों में यह सबसे अधिक है और ऐसे मामले रोज ही आते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि ममता बनर्जी की सरकार अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की वजह से ऐसे मामलों के खिलाफ केस दर्ज नहीं करती और कई मामलों में मां-बाप को शिकायत करने की हिम्मत भी नहीं पड़ती है। उन्होंने कहा कि बंगाल में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां लव जिहाद की शिकार हुई लड़की को खुदकुशी करनी पड़ी है अथवा उन्हें जिंदा जला दिया गया है। सुरेंद्र ने बताया कि पश्चिम बंगाल में विश्व हिंदू परिषद लड़कियों को इस साजिश से बचाने के लिए लंबे समय से काम कर रहा है। इसके लिए कॉलेजों, स्कूलों और धार्मिक आयोजनों में संगठन की ओर से लीफलेट बांटे गए थे जिसमें लव जिहाद से बचाव के लिए “क्या किया जाना चाहिए” और “क्या नहीं किया जाना चाहिए” का जिक्र था।
जैन ने कहा कि यह मामला न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व का है। इस सोची समझी रणनीति को अंजाम देने वालों को कट्टरपंथियों द्वारा अच्छी धनराशि भी दी जाती है ताकि इस काम को आगे बढ़ाते रहें। इससे बचने का एकमात्र तरीका है कि हिंदू समुदाय अपने धर्म के प्रति जागरूक बने और लड़कियों को हिंदुत्व की खूबियों के बारे में जानकारी दी जाए। उन्होंने बताया कि इस्लाम में महिलाओं का जीवन नारकीय होता है और केवल इस्तेमाल की वस्तु समझी जाते हैं। अगर गलती से भी कोई हिंदू बच्ची लव जिहाद का शिकार होकर धर्म परिवर्तन करती है तो उसके बाद उसे नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि इनके चंगुल में फंसने से पहले लड़कियों को समझदार बनाया जाए।
विश्व हिंदू परिषद की पश्चिम बंगाल इकाई के मीडिया प्रभारी सौरिश मुखर्जी ने “हिन्दुस्थान समाचार” से विशेष बातचीत में सुरेंद्र जैन की बातों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अमूमन हिंदू लड़कियों को ही इस्लाम स्वीकार करने के लिए मजबूर किया जाता है। अगर सच में किसी तरह का प्यार है तो मुस्लिम लड़कों को हिंदू बनने के लिए कहा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में लव जिहाद हरेक क्षेत्र में फैला हुआ है और विश्व हिंदू परिषद बचाव के लिए लगातार काम कर रहा है। हाालांकि इसमें बहुत अधिक सफलता नहीं मिली है। इसकी वजह यह है कि बंगाल की सरकार हर तरह से अल्पसंख्यक समुदाय के गैरकानूनी कार्यो को संरक्षण देने में जुटी हुई है। इसमें लव जिहाद जैसे मामलों का संरक्षण भी शामिल है। मुखर्जी ने बताया कि अपनी पहचान छिपाकर लड़कियों को फंसाने और बाद में इस्लाम स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने वाले जिहादियों के खिलाफ मामले दर्ज करने में बंगाल प्रशासन सबसे पीछे है। उन्होंने कहा कि जो घटना निकिता के साथ हुई है ऐसी कई घटनाएं पश्चिम बंगाल में पहले भी हो चुकी हैं और लगातार हो रही हैं लेकिन ना तो मीडिया और ना ही प्रशासन इस मामले में सक्रिय है।
बंगाल प्रशासन का क्या है कहना –
इस बारे में राज्य प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो किसी ने भी खुल कर कुछ नहीं बताया। हालांकि एक अधिकारी ने गोपनीयता बरकरार रखने की शर्त पर बताया कि लव जिहाद के मामले पूरे देश के साथ पश्चिम बंगाल में भी काफी संख्या में सामने आते हैं। हालांकि स्थानीय प्रशासन को इस एंगल से जांच नहीं करने की हिदायत है इसीलिए मामला सुर्खियों में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में बंगाल में सरकार बदलती है तो निश्चित तौर पर प्रशासन इसके खिलाफ सक्रिय हो सकता है। हालांकि इसके लिए राजनीतिक सत्ता की इच्छाशक्ति होनी चाहिए।