पहली बार मंगोलचारी से वाहन में गए भगवान मदमहेश्वर
शीतकालीन गद्दीस्थल से कैलाश को रवाना हुए द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर राॅवल भीमाशंकर लिंग ने प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग को 6 माह धाम में पूजा का दिया संकल्प लाॅक डाउन का हुआ सख्ती से पालन, 7 लोग हैं डोली यात्रा में शामिल मंगोलचारी तक राॅवल भीमाशंकर लिंग ने की डोली की अगुवाई रविवार को गौंडार में होगा डोली का अंतिम रात्रि प्रवास
रुद्रप्रयाग, 09 मई (हि.स.)। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शनिवार सुबह पांच बजे सादगी के साथ अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम के लिए रवाना हुई और प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची।
डोली के धाम रवाना होने पर तहसील व पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी रही तथा लाॅक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया। डोली के साथ प्रशासन की ओर से नियुक्त देवस्थानम बोर्ड व हक-हकूकधारी सिर्फ 7 लोग शामिल हैं। राॅवल भीमाशंकर लिंग ने परम्परा अनुसार मंगोलचारी तक डोली की अगुवाई की और मंगोलचारी से रांसी तक पहली बार भगवान मदमहेश्वर की डोली को वाहन से पहुंचाया गया। लाॅक डाउन के कारण आम श्रद्धालु भगवान की डोली विदाई में शामिल नहीं हो सके। रविवार को डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी। भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर परिसर में भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव भोग मूर्तियों की विशेष पूजा-अर्चना वेदपाठियों व विद्वान आचार्यों ने की और आरती उतारकर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव भोग मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का भव्य श्रृंगार किया गया।
राॅवल भीमाशंकर लिंग द्वारा मदमहेश्वर धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग को 6 माह धाम में पूजा करने का संकल्प दिया गया। ठीक पांच बजे प्रातः भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने ओंकारेश्वर मन्दिर की परिक्रमा की और धाम के लिए रवाना हुई। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली डंगवाडी, ब्रहामणखोली पैदल मार्ग से मंगोलचारी पहुंची, जहां पर भगवान मदमहेश्वर की डोली को अल्प समय में प्राचीन परम्परा अनुसार अर्घ्य अर्पित किया तथा राॅवल ने यहां पर डोली को विदा किया। मंगोलचारी से रांसी तक भगवान मदमहेश्वर की डोली को पहली बार वाहन से पहुंचाया गया। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा परम्परानुसार अर्घ्य अर्पित कर आगामी यात्रा के निर्विघ्न संपंन होने की कामना की। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के रांसी पहुंचने तक तहसीलदार जयबीर राम बधाणी व थानाध्यक्ष जंहागीर अली के नेतृत्व लाॅक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया और अर्घ्य देते समय शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा गया।