एक विधान परिषद सीट के लिए बिहार कांग्रेस में लंबी कतार, बढ़ेगा विवाद

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पटना, 18 जून (हि स)। बिहार विधान परिषद के खाली हुए 9 सीटों के लिए सभी दलों में मंथन का दौर जारी है। इस होने वाले चुनाव को लेकर महागठबन्धन और एनडीए के अंदर सरगर्मी बढ़ गई है। किसकी किस्मत चमकेगी और कौन गर्दिश में जाएगा यह तो घोषणा के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन अपने-अपने तरीके से नेता जी अपने भाग्य की आजमाइश में लगे हुए हैं।

कांग्रेस की स्थिति कुछ अलग ही नजर आ रही है विधान परिषद में कांग्रेस के पास 1 सीट के लिए दावेदारों की संख्या 100 से पार है। हालात इस कहावत की तरह नजर आ रही है एक अनार सौ बीमार।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा ने  गुरुवार को  इस संबंध में बताया कि इसमें कोई बुराई नहीं है। प्रत्येक कार्यकर्ता सदन जाने योग्य है। लोकतंत्र में दावा करने का अधिकार सभी को है। मगर कौन सदन जाएगा इस पर अंतिम निर्णय आलाकमान लेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परिषद की सीट को लेकर अभी किसी का नाम तय नहीं हुआ है।

ज्ञात हो कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजद के द्वारा कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान राज्यसभा के लिए राजद का तर्क था कि अगर हमारे दो सदस्य 2020 में राज्यसभा नहीं जाएंगे तो पार्टी की मान्यता खत्म हो जाएगी। उम्मीद की जा रही है कि 19 जून को राज्यसभा का चुनाव खत्म होगा। 20 जून के बाद ही परिषद को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।

बता दें कि बिहार के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल गुजरात से राज्यसभा के उम्मीदवार हैं और वही 100 दावेदारों में से किसी एक के नाम का सिफारिश कर आलाकमान को भेजेंगे। अब ऐसे में देखना ये है कि राजद अपने वादे को निभाती है या फिर सियासी चाल में कांग्रेस को घेरकर अपना मकसद साधने में सफल होगी। यह तो अब 20 जून के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन कांग्रेस में फिलहाल विधान पार्षद की एक सीट के लिए आपसी जंग जारी है।

 


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