लॉस एंजेल्स, 30 नवम्बर (हि.स.)। लंदन में मंगलवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय ‘नाटो’ देशों के शिखर सम्मेलन में एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प छाए रहेंगे। उन्होंने सम्मेलन के दौरान इतर बैठकों में मेजबान ब्रिटिश प्रधानमंत्री से मिलने की संभावनाओं से इनकार किया है, जर्मनी, फ्रांस और इटली के शासनाध्यक्षों से मिलने पर सहमति जताई है।
ब्रसेल्स में नाटो देशों की पिछली बैठक में ट्रम्प ने नाटो देशों के सैन्य बजट में सहभागी देशों की ओर से उनकी जीडीपी के न्यूनतम दो प्रतिशत धनराशि जमा नहीं कराए जाने पर जर्मनी, फ्रांस और इटली सहित बड़े देशों को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि नाटो देशों को सैन्य बजट में अमेरिका से एकतरफा बड़ी धनराशि की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। यह बयान जर्मनी और फ्रांस सहित कुछ देशों को बड़ा अप्रिय लगा था।
इस बार सम्मेलन के विचारणीय मुद्दों में नाटो सैन्य बजट के अलावा सीरिया के उत्तर पूर्वी हिस्से से अमेरिकी सेनाएं हटाए जाने के ट्रम्प के एकतरफा निर्णय पर खासा नोंकझोंक होने की आशंकाएं हैं।
सीरिया के पड़ोसी देश नाटो के सदस्य देश टर्की के प्रधानमंत्री अर्दोगन रिसिपी पहले से अपने रूसी संबंधों के कारण नाटो सदस्य देशों की आंखों की किरकिरी बने हुए हैं। इस समय रूस और टर्की संबंधो को लेकर अमेरिका भी रुष्ट है।
जानकारों का मत है कि चीन के ‘5जी नेटवर्क’ और हुआवे मोबाइल फोन उपकरणों में खुफिया चिप के अंदेशों को लेकर अमेरिका की ओर से एक बड़ा मुद्दा उछल सकता है। ट्रम्प ने कहा है कि नाटो सदस्य देशों को चीन के 5जी नेटवर्क पर भरोसा नहीं करना चाहिए।