नई दिल्ली, 24 जुलाई (हि.स.)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बाद बुधवार को लोकसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात हुई थी किंतु दोनों के बीच कश्मीर मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता स्वीकार करने का कोई सवाल ही नही उठता है और सरकार देश के स्वाभिमान के साथ कभी भी समझौता नहीं कर सकती।
रक्षामंत्री ने कहा कि सरकार कश्मीर पर ही नहीं अपितु पाक अधिकृत कश्मीर पर भी बात करेगी। उनके इस जवाब देने के दौरान ही कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
बुधवार को लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कांग्रेस सदस्यों के अमेरिकी राष्ट्रपति से मोदी की मुलाकात और दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई, जैसे सवालों का भी जवाब दिया। रक्षा मंत्री ने कि जहां तक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच बातचीत का प्रश्न है तो जून के महीने में बातचीत हुई थी। विदेश मंत्री ने गत मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कोई बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इससे अधिक प्रामाणिक कोई और बयान नहीं हो सकता, क्योंकि जिस समय प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में बात हुई थी, उस वक्त विदेश मंत्री वहां मौजूद थे।
राजनाथ ने कहा कि कश्मीर पर किसी की भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जा सकती। ऐसा करना शिमला समझौते के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से जब भी बात होगी तो सिर्फ कश्मीर ही नहीं बल्कि पाक अधिकृत हिस्से पर भी बात होगी।
इस बीच, कांग्रेस सदस्य लगातार शोरगुल कर रहे थे और राजनाथ सिंह का जवाब सुने बिना ही सदन से वॉकआउट कर गए। इस पर रक्षामंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र में परस्पर विश्वास बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि वह विपक्ष के प्रश्नों का जवाब सत्ता पक्ष की तरफ से दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस के सदस्यों ने वॉकआउट किया है। उन्होंने कहा कि सरकार सवालों के जवाब के लिए तैयार है लेकिन ऐसे वक्त में कांग्रेस सदस्यों का वॉकआउट करना वादाखिलाफी है।