तय अवधि से पहले 23 सितम्बर को समाप्त हो सकता है मानसून सत्र

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बीएसी की बैठक में सहमति बनी, फैसला लोकसभा अध्यक्ष पर छोड़ा



नई दिल्ली, 19 सितम्बर (हि.स.)। कोविड-19 के संकट के बीच संसद का मानसून सत्र तय समय से पहले ही समाप्त हो सकता है। लोकसभा की बिजनेस एडवायजरी कमेटी (बीएसी) की बैठक में कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सत्र को तय अवधि से पहले ही अगले सप्ताह समाप्त करने पर सहमति जताई। हालांकि, इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष पर फैसला छोड़ दिया गया है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बीएसी की बैठक में कई राजनीतिक दलों के सांसदों ने कोविड-19 महामारी के बीच संसद के चल रहे सत्र को रोकने की इच्छा व्यक्त की। बैठक में एक सदस्य ने कहा कि जान जोखिम में डाल कर सत्र में शामिल नही हुआ जा सकता। एक अन्य सदस्य ने कहा ‘ संसद सत्र को रोकने पर सहमति बनी है। हमने सदन के कामकाज को जल्द को समायोजित करते हुए अध्यक्ष के विवेक पर छोड़ दिया है।’

दरअसल, कोरोना महामारी के बीच मानसून सत्र 14 सितम्बर से शुरू हुआ जो एक अक्टूबर तक की अवधि के लिए था। किंतु, अब इस अवधि को कम करने का फैसला किया गया है। सूत्र बताते हैं कि मानसून सत्र अब 23 सितम्बर तक ही चलेगा। सत्र के दौरान तकरीबन तीस से ज्यादा सांसद और दो मंत्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा, सूत्र बताते हैं कि लोकसभा सचिवालय और उससे जुड़े विभागों के तकरीबन सौ कर्मचारी, अधिकारियों की कोरोना जांच पॉजिटिव आई है।

भाजपा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने बीते दिनों राज्यसभा में भाषण दिया था इसके ठीक बाद वह कोरोना संक्रमित पाए गए।  हालांकि सत्र शुरू होने से पहले की गई जांच में सहस्त्रबुद्धे कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव थी। इसी तरह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रह्लाद पटेल भी बाद में पॉज़िटिव हुए। सांसदों और अधिकारियों के लगातार संक्रमित पाए जाने के बाद बीएसी की बैठक में मानसून सत्र की अवधि कम करने पर सहमति बनी है। बैठक में सदस्यों ने फैसला लोकसभा अध्यक्ष पर छोड़ दिया है।

 


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