नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)।लोकसभा ने गुरुवार को तीन साल पुराने दिवालियापन कानून में संशोधन कर कुछ कमजोर प्रावधनों को सशक्त बनाने व कुछ विषयों की सही व्याख्या करने से जुड़ा विधेयक पारित कर दिया। संशोधन के जरिए तीन साल पुराने विधेयक के सात अनुच्छेदों में 8 बदलाव किए गए हैं। विधेयक को राज्यसभा सोमवार को ही पारित कर चुकी है।
दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2019 पर करीब तीन घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसमें धन, संपत्ति और मजूदर हितों का विशेष ध्यान रखा गया है। इसमें दिवालिया घोषित करने और दिवालियापन की पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से निपटाने के प्रावधान किए गए हैं। प्रस्ताव केन्द्र, राज्य और स्थानिय निकाय के लिए बाध्यकारी होगा।
दिवाला और दिवालियापन संहिता किसी व्यक्ति या कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में ऋणों की वसूली से जुड़े प्रावधान मुहैया कराती है, ताकि ऋणों की वसूली में अनावश्यक देरी और उससे होने वाले नुकसानों से बचा जा सके।