दादरा-नागर हवेली और दमन-दीव का होगा विलय, विधेयक लोकसभा में पारित

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दोनों केंद्रशासित प्रदेश को एक करने से प्रशासनिक सुगमता बढ़ेगी तथा विकास सुनिश्चित होगा। इसके अलावा लोकसभा सीटों में भी कोई बदलाव नहीं होगा।



नई दिल्ली, 27 नवम्बर (हि.स.)। लोकसभा में बुधवार को दादरा-नागर हवेली और दमन-दीव को एक केन्द्रशासित प्रदेश बनाने वाला विधेयक लोकसभा में पारित हो गया।

दादरा और नागर हवेली तथा दमन एवं दीव (संघ राज्यक्षेत्रों का विलय) विधेयक 2019 पर चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए यह बिल लाया गया है। दोनों केंद्रशासित प्रदेश को एक करने से प्रशासनिक सुगमता बढ़ेगी तथा विकास सुनिश्चित होगा। इसके अलावा लोकसभा सीटों में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने क्षेत्र के जनजाति समुदाय के लोगों के आरक्षण को लेकर सदस्यों की आशंकाओं पर स्पष्ट किया कि संविधान के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण वैसे ही मिलता रहेगा, उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा। चर्चा के दौरान भाजपा के लालूभाई पटेल ने कहा कि पुदुच्चेरी की तरह दादरा-नागर हवेली और दमण-दीव को विधानसभा मिलनी चाहिए।

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि दोनों केन्द्रशासित प्रदेशों की कम जनसंख्या और सीमित भौगोलिक क्षेत्र पर विचार करते हुए इनके विलय करने का फैसला किया गया है। वर्तमान में हाल ही में बने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मिलाकर कुल नौ केंद्र शासित प्रदेश हैं। दादर-नागर हवेली और दमन-दीव को एकसाथ मिला देने से अब इनकी संख्या आठ हो जाएगी। अन्य केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़, दिल्ली, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार तथा लक्ष्यद्वीप हैं। इनमें से दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाले केन्द्रशासित प्रदेश हैं।

 


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