लोकसभा में आडवाणी, जोशी और सुषमा की महसूस हुई कमी
17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के प्रथम दिन सोमवार को सदन का नजारा पिछली बार से अलग था। इस बार सत्तापक्ष की अगली सीट का नजारा बदला हुआ था। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज की कमी साफ नजर आ रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी चुनाव हारने के कारण सदन में नहीं पहुंच सके।
नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)। लोकसभा में इस बार सत्तापक्ष और विपक्षी दलों की अगली कतार का नजारा बदला-बदला सा नजर आया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले कार्यकाल में ट्रेजरी बेंच की कतार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी की मौजूदगी रहती थी, किंतु इस बार आडवाणी की सीट पर दूसरे नेता नजर आए।
17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के प्रथम दिन सोमवार को सदन का नजारा पिछली बार से अलग था। इस बार सत्तापक्ष की अगली सीट का नजारा बदला हुआ था। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज की कमी साफ नजर आ रही थी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी चुनाव हारने के कारण सदन में नहीं पहुंच सके।
वयोवृद्ध नेता आडवाणी, जोशी ने इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था, जबकि सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य के कारणों से भाजपा नेतृत्व से आग्रह किया था कि उनको 2019 के चुनाव में न उतारा जाए। इस वजह से तीनों नेता सदन में नहीं नजर आए। उमा भारती भी इस बार चुनाव नहीं लड़ी थीं। ऐसे में इन नेताओं की कमी साफ दिख रही थी। सत्तापक्ष की अगली सीट पर प्रधानमंत्री के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बैठे थे, जबकि उनकी बगल की सीट पर गृहमंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, सदानंद गौड़ा एवं थावरचंद गहलोत बैठे थे। दूसरी पांति की अगली सीट पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, हरसिमरत कौर बादल, प्रकाश जावड़ेकर और उनकी बगल की पांति में अर्जुन मुंडा, रामविलास पासवान तथा अरविंद सावंत अगली सीट पर बैठे थे। अरविंद सावंत के साथ तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय भी बैठे थे, जबकि बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता भर्तृहरि माहताब को दूसरी पंक्ति में जगह मिली है।
उधर विपक्ष की ओर अगली सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेता मुलायम सिंह यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला बैठे हुए थे।